पेगासस जांच कमेटी का केंद्र सरकार द्वारा सहयोग नहीं करने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, बोली-कुछ तो छिपाया जा रहा

पेगासस की मदद से पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं की जासूसी कराई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। समिति ने जुलाई में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 25, 2022 3:18 PM IST / Updated: Aug 25 2022, 08:53 PM IST

नई दिल्ली। पेगासस जांच (Pegasus spyware) के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पैनल (Supreme COurt panel) का सहयोग नहीं करने के लिए सरकार पर लगे आरापों पर कांग्रेस (Congress) ने एक सुनियोजित साजिश का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने पेगासस जांच में सहयोग नहीं करके यह साफ कर दिया है कि वह कई राज छुपाना चाहती है और लोकतंत्र को कुचलना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh) ने कहा कि हर कोई जानता है कि पेगासस का इस्तेमाल करके यह सरकार लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम पहले दिन से पूछ रहे हैं कि सरकार ने पेगासस का इस्तेमाल क्यों और किस कानून के तहत किया।

राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक ट्वीट में कहा... प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का SC द्वारा नियुक्त समिति के साथ असहयोग इस बात को स्वीकार करता है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ गहरा राज है। वे लोकतंत्र को कुचलना चाहते हैं।

 

कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा

कांग्रेस मुख्यालय पर प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। यह हथियार कानून और संविधान के खिलाफ है। वे (सरकार) जवाब कैसे दे सकते हैं? कभी-कभी जवाब न देना भी एक जवाब होता है, सरकार ने (जवाब न देकर) यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने लोकतंत्र के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया। गौरव वल्लभ ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट की समिति की रिपोर्ट से यह साफ है कि सरकार ने राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं, वैज्ञानिकों, चुनाव आयुक्त, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार, वरिष्ठ पत्रकारों आदि के खिलाफ पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर एक ऐसा हथियार है जिसे आतंकियों व देश के दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह सरकार, इसका इस्तेमाल लोकसेवकों, जनसेवकों, पत्रकारों के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर लोकतंत्र को कमजोर करने में लगी है। कांग्रेस प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग किया कि कोर्ट सरकार के असहयोग पर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि पेगासस जांच कमेटी का सहयोग नहीं करने पर सरकार के रवैया को सुप्रीम कोर्ट जवाब न देने के रूप में मानेगा और सख्त कार्रवाई करेगा। 

सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट

पेगासस जासूसी मामले (Pegasus snooping case) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए पैनल की रिपोर्ट पर गुरुवार को सुनवाई की गई। रिपोर्ट के अनुसार, जिन 29 मोबाइल फोन की जांच की उनमें पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) होने के निर्णायक सबूत नहीं मिले हैं। फॉरेंसिंक जांच से पता चला कि 29 में से पांच मोबाइल फोन कुछ मालवेयर से प्रभावित थे, लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि उनमें पेगासस मालवेयर था।

सरकार पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप

सीजेआई एनवी रमना ने पैनल की सीलबंद रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया। सीजेआई ने कहा कि सरकार समिति के साथ सहयोग नहीं कर रही थी। सीजेआई एनवी रमना, जज सूर्यकांत और हेमा कोहली के बेंच ने कहा कि वह पैनल के प्रमुख जस्टिस आरवी रवींद्रन द्वारा पेश किए गए रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में रखेगी। सभी लोग रिपोर्ट पढ़ सकेंगे। रिपोर्ट में नागरिकों की सुरक्षा, भविष्य की कार्रवाई, जवाबदेही, गोपनीयता सुरक्षा में सुधार के लिए कानून में संशोधन, शिकायत निवारण तंत्र सहित अन्य उपायों पर सुझाव दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

पेगासस स्पाइवेयर पर देश में खूब हो चुका हंगामा

दरअसल, पेगासस की मदद से पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं की जासूसी कराई गई थी। एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी की इस रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया में खलबली मच गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में भी तमाम लोगों की पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराई गई। रिपोर्ट आने के बाद पूरे देश में हंगामा हो गया। संसद में खूब हंगामा हुआ था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। समिति ने जुलाई में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।

यह भी पढ़ें:

भगवान शिव अनुसूचित जाति के, जगन्नाथ आदिवासी, कोई देवता ब्राह्मण नहीं...JNU VC का विवादित बयान

सीबीआई भगवा पंख वाला तोता...कपिल सिब्बल बोले-मालिक जो कहता है यह वही करेगा

Share this article
click me!