चुनाव आयोग को बदनाम कर रही कांग्रेस, 272 रिटायर्ड जज-अफसरों का राहुल गांधी के खिलाफ लेटर

Published : Nov 19, 2025, 04:30 PM IST
Rahul Gandhi

सार

272 रिटायर्ड जजों, ब्यूरोक्रेट्स और सैन्य अधिकारियों ने राहुल गांधी पर बिना सबूत चुनाव आयोग को बदनाम करने का आरोप लगाया है। विपक्ष के खिलाफ ओपन लेटर में कहा गया कि ऐसे बयान लोकतंत्र को कमजोर करते हैं और चुनाव आयोग पर हमला हताशा का संकेत है।

Retired Officers Letter Against Rahul Gandhi: राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोपों पर देशभर के 272 रिटायर्ड जजों और ब्यूरोक्रेट्स ने एक खुली चिट्ठी लिखी है। इसमें चुनाव आयोग को बदनाम करने को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की जमकर आलोचना की गई है। चिट्ठी में 16 पूर्व जज, 123 रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, 14 पूर्व एम्बेसडर और 133 पूर्व सैन्य अधिकारियों ने लिखा है कि कांग्रेस बिना सबूत के गंभीर आरोप लगाकर इलेक्शन कमीशन समेत तमाम संवैधानिक संस्थाओं की छवि को धूमिल करने की साजिश रच रही है।

कांग्रेस ने अब तक नहीं की ऑफिशियल शिकायत

इस चिट्ठी में लिखा गया है कि भारत के लोकतंत्र को आज किसी बाहरी हमले से नहीं, बल्कि अपने देश के भीतर ही जहरीली राजनीतिक बयानबाजी से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस और विपक्ष की ओर से चुनाव आयोग के खिलाफ सबूत होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अब तक न तो कोई ऑफिशियल शिकायत दी गई है और ना ही कोई हलफनामा जारी किया गया है। इससे ये बात साबित होती है कि ये आरोप सिर्फ राजनीति से प्रेरित हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है।

राहुल गांधी की चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकाने की कोशिश

चिट्ठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उन टिप्पणियों का भी जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया था। पत्र में यह भी कहा गया कि इस तरह के बयान कहीं न कहीं चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकाने की कोशिश लगते हैं।

चुनाव आयोग को बीजेपी की बी टीम बताना सिर्फ हताशा

कई बड़े अधिकारियों का मानना है कि चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी के साथ पूरा किया है। इसमें फर्जी वोटरों को वोटर लिस्ट से हटाकर नए और पात्र मतदाता जोड़े गए हैं। वहीं, विपक्ष ने चुनाव आयोग को बीजेपी की बी-टीम' बताया है, जिसमें सच्चाई नहीं बल्कि राजनीतिक हताशा झलकती है। यहां तक कि जब विपक्षी दल किसी राज्य में चुनाव जीतते हैं तो EC की आलोचना नहीं करते हैं, लेकिन रिजल्ट जरा भी उनके खिलाफ आया तो तत्काल चुनाव आयोग को विलेन बना दिया जाता है। यह एक तरह का सिलेक्टिव आक्रोश है।

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