कांग्रेस एक पखवाड़े के भीतर दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित अपना बंगला खाली कर सकती है। इस बंगले का मासिक किराया 5,07,911 रुपए है। 2013 के बाद से बंगले का किराया नहीं दिया गया है।
नई दिल्ली। केंद्र द्वारा बेदखली की कार्यवाही शुरू की गई है। इसे देखते हुए कांग्रेस एक पखवाड़े के भीतर दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित अपना बंगला खाली कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार के ध्यान में यह भी लाया गया है कि C-II/109 चाणक्यपुरी की संपत्ति जो कांग्रेस पार्टी को आवंटित की गई थी। उसपर पूर्व राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा का कब्जा है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस बंगले का मासिक किराया 5,07,911 रुपए है। 2013 के बाद से बंगले का किराया नहीं दिया गया है। अब तक अन्य सभी शुल्कों और जुर्माना सहित बंगले का किराया 3.08 करोड़ रुपए बाकी है। 25 मार्च को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपदा निदेशालय द्वारा बेदखली नोटिस भेजा गया था।
फरवरी में एक आरटीआई के जवाब में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के पास कांग्रेस कार्यालय, सोनिया गांधी के आधिकारिक आवास और चाणक्यपुरी बंगले सहित तीन संपत्तियों का किराया और बकाया है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में स्थित चाणक्यपुरी बंगला कांग्रेस पार्टी को दिया गया था, लेकिन इसमें कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सचिव विन्सेंट जॉर्ज रह रहे हैं।
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चिराग को छोड़ना पड़ा था बंगला
बता दें कि हाल ही में पूर्व मंत्री और लोजपा नेता रामविलास पासवान के बेटे व सांसद चिराग पासवान को अपना बंगला खाली करना पड़ा था। यह बंगला 32 साल से रामविलास पासवान के परिवार के पास था। रामविलास वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री थे इसलिए उन्हें बंगला मिला था। चिराग सांसद हैं। उन्हें सांसद फ्लैट में रहना होगा। वहीं, शरद यादव को बंगला छोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 31 मई 2022 तक बंगला छोड़ने का समय दिया है।
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