मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उमंग सिंघार ने कहा कि बीजेपी में शामिल होने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 50 करोड़ रूपये और मंत्री पद का ऑफर दिया था।
भोपाल. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उमंग सिंघार ने कहा कि बीजेपी में शामिल होने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 50 करोड़ रूपये और मंत्री पद का ऑफर दिया था। कांग्रेस नेता के आरोपों के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। कांग्रेस विधायक के इस खुलासे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। प्रदेश के पूर्व सीएम और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरोपों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को जवाब देना चाहिए।
बदनावर में एक सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि उमंग सिंघार ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास थे। उन्होंने जो भी आरोप लगाए हैं, उस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्पष्टीकरण देना चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताना चाहिए उमंग सिंघार सच बोल रहे हैं या झूठ। दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को अटल बिहारी वाजपेयी से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने एक वोट से सरकार गिरना पसंद किया। वो सिद्धांतवादी थे।
उमंग सिंघार ने क्या कहा था
इससे पहले उमंग सिंघार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाकार सूबे की राजनीति में हलचल बढ़ा दी। उमंग सिंघार ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने के लिए 50 करोड़ रूपये और मंत्रीपद का ऑफर दिया था। पूर्व मंत्री ने ये भी कहा कि मैंने उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया को कहा था कि मेरे लिए सिद्धांत महत्वपूर्ण है। पद महत्वपूर्ण नहीं है। उमंग सिंघार के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनसे कहा कि कांग्रेस में आपका भविष्य नहीं है। आपकी जो आर्थिक स्थिति है उसको लेकर हम आपके लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था कर देते हैं। मेरी बीजेपी से बात हो गई है। आपको मंत्री पद भी दे देते हैं।
सिंधिया के अलग होने के बाद गिर गई थी कांग्रेस की सरकार
बता दें कि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. सिंधिया गुट के विधायकों ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। तब से ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कांग्रेस के निशाने पर हैं।