सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनाईं गईं, नए अध्यक्ष पर फैसला कांग्रेस अधिवेशन में होगा

दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चयन हो गया। इस बैठक में सोनिया गांधी को दुबारा अध्यक्ष घोषित किया गया। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी। बैठक में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था।

Asianet News Hindi | Published : Aug 10, 2019 7:27 AM IST / Updated: Aug 11 2019, 01:27 AM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की शनिवार को बैठक हुई। इसमें राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि, कांग्रेस के ज्यादातर नेता राहुल गांधी के अध्यक्ष बने रहने के पक्ष में थे, लेकिन राहुल इस्तीफे पर अड़े रहे। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी। बैठक में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, तब इसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था।

चुनाव के 2 महीने बाद भी राहुल इस्तीफे पर अड़े रहे। उन्होंने इस पद पर रहने से साफ इनकार कर दिया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी हार पर जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके बाद कई नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी।

प्रियंका के नाम की भी चली थी चर्चा
राहुल के इस्तीफे के बाद से ही कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी युवा नेता को सौंपने की बात कही थी। हालांकि, उन्होंने प्रियंका के नाम की भी पैरवी की थी। इसके बाद कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी प्रियंका को अध्यक्ष पद सौंपने का समर्थन किया था।ॉ

गैर-गांधी के अध्यक्ष बनने की थी चर्चा 
राहुल गांधी ने गैर-गांधी सदस्य को अध्यक्ष बनाने की पेशकश की थी। इशके बाद से नए अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे समेत कई नेताओं के नाम की भी चर्चा शुरू हो गई थी। हालांकि, मुकुल वासनिक का नाम सबसे आगे थे। लेकिन किसी भी नाम को लेकर पार्टी में एकराय नहीं हो पाई, इसके चलते सोनिया गांधी को फिर से नए अध्यक्ष बनने तक पार्टी की कमान दी गई।

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