राममंदिर उद्घाटन के पहले नेहरू को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में तकरार, जानिए पूरा मामला

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि नेहरू ने प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में जाने का विरोध किया था।

Dheerendra Gopal | Published : Jan 12, 2024 5:45 PM IST / Updated: Jan 16 2024, 06:34 PM IST

Congress Vs BJP over Nehru letters on Somnath Mandir: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि नेहरू ने प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में जाने का विरोध किया था। बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि नेहरू नहीं चाहते थे कि प्रसाद 1951 में मंदिर के उद्घाटन में शामिल हों। कांग्रेस ने इस आरोप का खंडन किया। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि देश के पहले प्रधान मंत्री ने उस तरह का कुछ भी नहीं किया जैसा कि भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया था।

नेहरू बेहद पारदर्शी, उनके सारे लेटर पब्लिक डोमेन में

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुदांशु त्रिवेदी ने स्पष्ट रूप से सोमनाथ मंदिर पर पंडित नेहरू के कुछ पत्र हवा में लहराए हैं। नेहरू ने कई लेटर तत्कालीन गृह मंत्री राजाजी और प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को लिखा। यह सभी लेटर पब्लिक डोमेन में हैं। रमेश ने ट्वीटर पर कई लेटर साझा कर बताया कि यह लेटर खंड 16 का हिस्सा हैं। जवाहरलाल नेहरू के चयनित कार्यों की दूसरी श्रृंखला nehruselectedworks.com पर ऑनलाइन उपलब्ध है।

जयराम रमेश ने कहा कि त्रिवेदी के दावों के विपरीत, ये कोई बड़ा रहस्योद्घाटन नहीं है। नेहरू पूरी तरह से पारदर्शी थे और अपने पीछे लिखित रिकॉर्ड छोड़ गए थे जो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से लिखा था। यहां इस विषय पर कुछ पत्राचार हैं जो सुधांशु त्रिवेदी ने प्रदर्शित नहीं किए।

 

 

क्या आरोप लगाया था सुधांशु त्रिवेदी ने?

बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और उद्घाटन में राजेंद्र प्रसाद और कुछ कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का विरोध किया था। त्रिवेदी का यह आरोप अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी द्वारा सम्मानपूर्वक अस्वीकार करने के बाद लगाया है। कांग्रेस ने भाजपा पर चुनावी लाभ के लिए अभिषेक को राजनीतिक परियोजना बनाने का आरोप लगाया है।

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