केरल में अभी लागू नहीं होगा विवादास्पद '118-ए पुलिस अधिनियम संशोधन', जानिए क्या है इस एक्ट में?

केरल में अब विवादास्पद '118-ए केरल पुलिस अधिनियम संशोधन' लागू नहीं होगा। लगातार हो रहे विरोध के बाद केरल सरकार ने ये फैसला लिया है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा, विधानसभा सत्र में इस अधिनियम पर चर्चा के बाद ही इसपर कोई फैसला लिया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Nov 23, 2020 8:00 AM IST

तिरुवनंतपुरम. केरल में अब विवादास्पद '118-ए केरल पुलिस अधिनियम संशोधन' लागू नहीं होगा। लगातार हो रहे विरोध के बाद केरल सरकार ने ये फैसला लिया है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा, विधानसभा सत्र में इस अधिनियम पर चर्चा के बाद ही इसपर कोई फैसला लिया जाएगा। 

दरअसल, केरल में साइबर अपराधों को रोकने के लिए सरकार 118-ए केरल पुलिस अधिनियम संशोधन लाई थी। इसे हाल ही में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंजूरी भी दे दी थी। हालांकि, इस संसोधन का विपक्ष भारी विरोध कर रहा है। विपक्ष इस कानून के जरिए अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का प्रयास करने का आरोप लगा रहा है। इस संसोधन के खिलाफ केरल हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई गई है। 

Latest Videos

क्या है इस विवादित अध्यादेश में?
केरल सरकार की राज्य कैबिनेट ने पिछले महीने सेक्शन 118-ए को जोड़ने के साथ पुलिस को अधिक शक्ति देने का फैसला किया था। इस संशोधन के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अगर सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति को जानबूझकर डराने और अपमान व बदनाम करने के लिए कोई आपत्तिजनक सामग्री डालता है या प्रसारित करता है, तो उसे 5 साल तक की सजा या दस हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है। इसे एलडीएफ सरकार ने मंजूरी भी दे दी थी।

यह अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का प्रयास- विपक्ष
विपक्ष का आरोप है कि केरल सरकार इस अध्यादेश के जरिए अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का प्रयास कर रही है। विपक्ष का कहना है कि इसके जरिए पुलिस को अधिक शक्ति मिलेगी और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगेगा।  

सरकार ने क्या कहा?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में केरल के आईटी एक्ट की धारा 66-ए और केरल पुलिस एक्ट के 118-डी को निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने इस एक्ट को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया था। वहीं, केरल सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी के वक्त लोगों ने सोशल मीडिया पर काफी नफरत भरी और आपत्तिजनक पोस्टें शेयर कीं। इसके अलावा अफवाहें भी फैलाईं। इस दौरान महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध भी बढ़े हैं। 
 
ऐसे में सरकार का कहना है कि साइबर अपराधों के चलते नागरिकों की निजी जानकारी को खतरा है। इसके अलावा केरल सरकार के पास अभी इन चुनौतियों से निपटने के लिए शक्ति भी नहीं है, इसलिए अध्यादेश की जरूरत पड़ी। 

Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता