कोरोना महामारी की वजह से भोपाल गैस कांड के 102 सर्वाइवर ने दम तोड़ दिया। यह आंकड़ा मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से दिया गया है। हालांकि न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ एनजीओ ने दावा किया कि भोपाल गैस कांड के 254 सर्वाइवर ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। भोपाल गैस त्रासदी की 36 वीं बरसी की पूर्व संध्या पर बुधवार 2 दिसंबर को अलग-अलग मौत के आंकड़े सामने आए थे।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी की वजह से भोपाल गैस कांड के 102 सर्वाइवर ने दम तोड़ दिया। यह आंकड़ा मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से दिया गया है। हालांकि न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ एनजीओ ने दावा किया कि भोपाल गैस कांड के 254 सर्वाइवर ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। भोपाल गैस त्रासदी की 36 वीं बरसी की पूर्व संध्या पर बुधवार 2 दिसंबर को अलग-अलग मौत के आंकड़े सामने आए थे।
भोपाल गैस त्रासदी को दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा कहा जाता है। भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के कीटनाशक संयंत्र से 2-3 दिसंबर 1984 की रात को मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव के बाद 15,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। जहरीली गैस से पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे।
भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास निदेशक बसंत कुर्रे के मुताबिक, 2 दिसंबर तक कोविड-19 से भोपाल जिले में कुल 518 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 102 लोग भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे।
हालांकि एनजीओ भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन (बीजीआईए) की रचना ढींगरा ने दावा किया कि भोपाल में कोविड -19 के कारण अब तक 518 लोग मारे गए हैं। हमने इनमें से 450 मृतकों के घरों का दौरा किया। 450 लोगों में से 254 भोपाल गैस के पीड़ित थे। इन 254 पीड़ितों के पास स्मार्ट कार्ड थे जो भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) द्वारा जारी किए गए थे।