योगी ने बताया गंगा किनारे शवों को दफनाने वालीं तस्वीरों का सच, ट्वीट की 3 साल पुरानी घटना

कोरोना संक्रमण के दौरान गंगा में लाशें बहाने और प्रयागराज के संगम किनारे शवों को दबाने वाली तस्वीरों ने सोशल मीडिया के जरिये काफी सनसनी फैलाई। इसे लेकर सरकार पर विपक्षी हमलावर तक हो गए थे। लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट के जरिये इस अफवाह का पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने एक खबर के जरिये बताया कि तीन साल पहले ऐसी ही थी गंगा। दरअसल, यह एक परंपरा है। हालांकि अब सरकार इसे लेकर सख्त हुई है।
 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2021 4:15 AM IST

लखनऊ, यूपी. कोरोना संक्रमण से अधिक अफवाहों ने लोगों में दहशत पैदा करने का काम किया। सोशल मीडिया पर लगातार ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो लोगों में डर पैदा कर रही हैं। वहीं, सरकारों के प्रति आक्रोश जगाने का काम भी कर रही हैं। हाल में प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट की एक तस्वीर वायरल हुई। इसमें कहा गया कि संक्रमण से इतनी अधिक मौतें हो रही हैं कि लोगों को श्मशान घाटों में जगह नहीं मिल रही और वे रेत में शव दबाकर जा रहे हैं। जबकि यह तस्वीर 2018 की है। तब लोगों ने कोरोना का नाम तक नहीं सुना था।

योगी ने ट्वीट की 3 साल पुरानी खबर
पुरानी तस्वीर के जरिये अफवाह फैलाने को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 साल पुरानी अखबार की एक खबर ट्वीट की है। योगी ने लिखा-'कोरोना नहीं था, फिर भी तीन साल पहले ऐसी ही थी गंगा किनारे की तस्वीर!'

दरअसल, कई हिंदू परिवारों में गंगा किनारे रेत में शवों को दफनाने की एक पुरानी परंपरा चली आ रही है। हालांकि इससे गंगा प्रदूषित होती है। इसे लेकर अब सरकार सख्त है। लेकिन पुरानी तस्वीर के जरिये सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उससे पर्दा जरूर उठ गया है।

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