कोरोना का टीका लगने के 9 दिन बाद ही वॉलंटियर की हुई मौत, भारत बायोटेक ने जारी किया बयान

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत बायोटेक की वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर की मौत का मामला सामने आया है। वॉलंटियर के परिवार ने मौत पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में अब इस पूरे मामले पर भारत बायोटेक की सफाई आई है।

भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत बायोटेक की वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर की मौत का मामला सामने आया है। वॉलंटियर के परिवार ने मौत पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में अब इस पूरे मामले पर भारत बायोटेक की सफाई आई है। कंपनी ने शनिवार को कहा कि वॉलंटियर की मौत वैक्सीन के डोज के 9 दिन बाद हुई है। प्रारंभिक जांच को लेकर कंपनी का कहना है कि मृत्यु का डोज से कोई संबंध नहीं है। इसके साथ ही कंपनी ने मृतक के परिवार के प्रति सहानुभूति जताई। 20 दिसंबर को हो गई थी वॉलंटियर की मौत...

भारत बायोटेक ने अपने बयान में कहा था कि 21 दिसंबर, 2020 को एक वॉलंटियर की मौत हो गई थी। इसे तीसरे चरण के ट्रायल से जोड़कर बताया जा रहा है और मृतक के बेटे द्वारा मृत्यु की जानकारी पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर को दी गई। 

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डोज के 7 दिन बाद आई थी स्वस्थ होने की रिपोर्ट 

कंपनी आगे कहा कि वॉलंटियर ने नामांकन के समय तीसरे चरण के ट्रायल में एक भागीदार के रूप में स्वीकर किए दाने के लिए सभी शर्तों को पूरा किया था। जब उसे वैक्सीन की डोज दी गई तो इसके बाद भी उसके सेहत पर निगरानी रखी जा रही थी। भारत बायोटेक ने कहा कि वैक्सीन की डोज देने के 7 दिन बाद रिपोर्ट में उसके स्वस्थ होने की सूचना दी गई थी। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के द्वारा जारी पोस्टमार्टन रिपोर्ट के हवाले से भोपाल पुलिस के मुताबिक खबरों में कहा जा रहा है कि मौत का संभावित कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फेलियर हो सकता है, जो कि हो सकता है जहर के चलते हुआ हो। 

डोज का नहीं है मृत्यु से कोई संबंध 

भारत बायोटेक ने अपने बयान में कहा कि वॉलंटियर की मौत डोज देने के 9 दिन बाद हुई और प्रारंभिक जांक के मुताबित मृत्यु का डोज से कोई संबंध नहीं है। हमारी सहानुभूति मृतक के परिवार के साथ है। भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी यह नहीं बता सकती कि वॉलंटियर को वैक्सीन दी गई थी या प्लेसिबो, क्योंकि स्टडी का अभी खुलासा नहीं हुआ है। 

ये हैं पूरा मामला 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भोपाल के पीपुल्स मोडिकल कॉलेज में 12 दिसंबर को कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले दीपक मरावी नाम के वॉलंटियर की 21 दिसंबर को मौत हो गई थी। मरावी टीला जमालपुरा स्थित सूबेदार कॉलोनी में अपने घर में मृत पाए गए थे। पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी। पुलिस ने 22 दिसंबर को उनके शव को पोस्टमार्टन के लिए भेज  दिया था। ऐसे में परिवार ने मौत पर सवाल उठाए थे।

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