Cough Syrup Warning: 2 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप कतई नहीं दें! जानिए DGHS की नई एडवाइजरी

Published : Oct 04, 2025, 07:37 AM IST
Cough Syrup Warning

सार

Cough Syrup Warning: क्या कफ सिरप बच्चों के लिए सुरक्षित है? DGHS की एडवाइजरी में कहा गया 2 साल से छोटे बच्चों को कभी न दें दवा। MP-राजस्थान जांच में जहरीला रसायन नहीं मिला, लेकिन खतरा अब भी बना हुआ है।

Central Government Cough Syrup Alert: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। इसमें साफ कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हालत में कफ सिरप (खांसी और सर्दी की दवाएं) नहीं दी जानी चाहिए। यह एडवाइजरी मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत की खबरों के बाद आई है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि जिन सैंपलों की जांच की गई, उनमें किडनी को नुकसान पहुंचाने वाला कोई जहरीला रसायन नहीं मिला। यानी बच्चों की मौत सीधे दवा से नहीं जुड़ी थी, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए यह चेतावनी बेहद जरूरी है।

क्या सिर्फ दो साल से छोटे बच्चों को ही खतरा है?

DGHS ने कहा है कि आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी कफ सिरप देने से बचना चाहिए। अगर बड़े बच्चों को कफ सिरप देना जरूरी हो, तो यह हमेशा डॉक्टर की सलाह के साथ किया जाना चाहिए। इसका कारण है कि खुराक, समय और दवा के साथ अन्य दवाओं का तालमेल बच्चों के लिए सुरक्षित होना चाहिए।

  • सवाल: क्या बिना डॉक्टर की सलाह कफ सिरप देना सुरक्षित है? 
  • जवाब: बिल्कुल नहीं। बच्चों की खुराक, उम्र और अन्य दवाओं के साथ मेल-जोल के बिना दवा देना खतरनाक हो सकता है।

बच्चों को कफ सिरप देने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

  • बच्चे को कम समय के लिए ही दवा दें।
  • दवा देने के दौरान बच्चे पर कड़ी निगरानी रखें।
  • कई दवाओं को एक साथ न मिलाएं।
  • बच्चों को पर्याप्त मात्रा में गरम पानी, तरल पदार्थ और भाप दें।
  • सिरप देने की बजाय घरेलू उपचार अपनाएं। ज्यादातर बच्चों में खांसी और सर्दी अपने आप ठीक हो जाती है।

 

 

  • सवाल: क्या घरेलू इलाज खांसी और जुकाम में असरकारक है? 
  • जवाब: हां, विशेषज्ञ बताते हैं कि सही घरेलू उपाय और आराम बच्चों को दवा की तुलना में सुरक्षित और असरदार राहत दे सकते हैं।

क्या कफ सिरप में मिलावट हो सकती है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कभी-कभी फार्मा कंपनियां कफ सिरप में एथिलीन ग्लाइकोल जैसी मिलावट करती हैं। यह एक रंगहीन और गंधहीन अल्कोहलिक कंपाउंड है जो इंसान के शरीर में पहुंचते ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम, हृदय और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। यह हाइड्रोलिक ब्रेक फ्लुइड्स, स्टैंप पैड स्याही, बॉल प्वाइंट पेन, सॉल्वेंट्स और पेंट में भी पाया जाता है। अगर शरीर में पहुंच जाए, तो यह जानलेवा असर डाल सकता है, इसलिए बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है।

  • सवाल: क्या हर कफ सिरप में एथिलीन ग्लाइकोल होता है? 
  • जवाब: नहीं, हमेशा नहीं। लेकिन मिलावट का खतरा रहता है। इसलिए सर्टिफाइड और भरोसेमंद दवा ही इस्तेमाल करें।

स्वास्थ्य केंद्र और क्लिनिकों के लिए निर्देश

  • सभी गवर्नमेंट मेडिकल स्टोर्स, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और जिला अस्पतालों में यह एडवाइजरी लागू होगी।
  • केवल विश्वसनीय फार्मास्युटिकल-ग्रेड दवा का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • सवाल: क्या यह एडवाइजरी सिर्फ MP और राजस्थान के लिए है? जवाब: नहीं, यह संपूर्ण भारत में लागू है।

बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि

इस एडवाइजरी का मुख्य उद्देश्य है कि 2-5 साल के बच्चों को अनावश्यक दवाओं से बचाया जाए। माता-पिता और अभिभावक बच्चों को घरेलू उपचार, पर्याप्त पानी और आराम के जरिए खांसी और सर्दी से सुरक्षित रख सकते हैं।

  • सवाल: क्या आपने अपने बच्चों को कफ सिरप देने से पहले डॉक्टर से सलाह ली है? 
  • जवाब: याद रखें, सावधानी ही सबसे बड़ी दवा है।
  • सवाल: क्या यह एडवाइजरी सिर्फ MP और राजस्थान के लिए है? 
  • जवाब: नहीं, यह संपूर्ण भारत में लागू है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

 

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