2 अस्पतालों में हुआ ऐसा घोटाला, पुलिस ने लिखनी शुरू की देश की सबसे लंबी FIR, लिखने में बीत चुके हैं 4 दिन

उत्तराखंड के काशीपुर कोतवाली में देश की सबसे लंबी 88 पन्नों की FIR लिखी जा रही है। FIR लिखने में 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी 3 दिन और लग सकते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस को जो एप्लीकेशन दी गई वह 88 पन्नों की है। अब पुलिस उसी एप्लीकेशन को कॉपी कर रही है। पुलिस की एक और मजबूरी है। कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने वाले सॉफ्टवेयर की क्षमता 10 हजार शब्दों से अधिक नहीं है। इसलिए FIR हाथ से ही लिखनी पड़ रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2019 10:57 AM IST / Updated: Sep 20 2019, 05:03 PM IST

नई दिल्ली. उत्तराखंड के काशीपुर कोतवाली में देश की सबसे लंबी 88 पन्नों की FIR लिखी जा रही है। FIR लिखने में 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी 3 दिन और लग सकते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पुलिस को जो एप्लीकेशन दी गई वह 88 पन्नों की है। अब पुलिस उसी एप्लीकेशन को कॉपी कर रही है। पुलिस की एक और मजबूरी है। कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने वाले सॉफ्टवेयर की क्षमता 10 हजार शब्दों से अधिक नहीं है। इसलिए FIR हाथ से ही लिखनी पड़ रही है।  

क्या है मामला?

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- काशीपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एमपी अस्पताल और देवकी नंदन अस्पताल में भारी अनियमितताएं पाई थीं। जांच में दोनों अस्पतालों के संचालकों द्वारा नियम के विरुद्ध मरीजों के फर्जी इलाज के बिल जमा करने का मामला पकड़ा गया था। 

- एमपी अस्पताल में रोगियों को छुट्टी देने के बाद भी मरीजों को कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती दिखाया गया था। आईसीयू में क्षमता से अधिक रोगियों का उपचार भी दिखाया गया। 

- कई मामलों में उपचार के बिना भी दवा दी गई, जिसके रोगी का भी पता नहीं।
 
धनेश चंद्र ने दर्ज कराई शिकायत

- उत्तराखंड अटल आयुष्मान के कार्यकारी सहायक धनेश चंद्र ने दोनों अस्पताल संचालकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इनमें से एक एप्लीकेशन 64 पेज और दूसरी लगभग 24 पेज की है। आवेदन में इतनी ज्यादा चीजों का जिक्र है, जिसके कारण ऑनलाइन एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है। शिकायत की मूल कॉपी की नकल की जा रही है। जो एप्लीकेशन दी गई है वो हिंदी और अंग्रेजी में है। 

- कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने वाले सॉफ्टवेयर की क्षमता 10 हजार शब्दों से अधिक नहीं है, जिसके कारण पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

- मुसीबत इस एफआईआर में लिखने तक सीमित नहीं है। जब पुलिस इतनी बड़ी एफआईआर की जांच करेगी, तो कम से कम एक फॉर्म को काटने में 15 दिन लग सकते हैं, जबकि जांच की समय सीमा 3 महीने रखी गई है।

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