Covid Update : AIIMS दिल्ली में भर्ती होने या सर्जरी से पहले नहीं होगा Corona Test, जारी हुआ सर्कुलर

Covid test Guidelines in AIIMS : आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलीराम भार्गव ने पिछले दिनों कहा था कि जिन लोगों को कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। इसी के तहत दिल्ली एम्स ने भर्ती होने वाले मरीजों के लिए कोविड टेस्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2022 11:47 AM IST

नई दिल्ली। कोविड 19 की तीसरी लहर (Cowin 19 Third wave) के कम होते प्रभाव के बीच एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) ने सामान्य मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत एम्स में भर्ती होने या सर्जरी से पहले किसी भी मरीज की कोरोना वायरस जांच नहीं की जाएगी।इस संबंध में एम्स ने एक सर्कुलर जारी कर सभी विभागाध्यक्षों को हर स्टाफ को यह जानकारी देने को कहा है। सर्कुलर में कहा गया है कि आईसीएमआर (ICMR) की नेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक तय किया गया है कि अब किसी भी मरीज को भर्ती करते समय या फिर मेजर या माइनर सर्जरी से पहले कोविड 19 जांच की व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है। यह उन मरीजों पर लागू होगा जिनमें कोविड 19 के कोई लक्षण नहीं हैं। यदि किसी मरीज में लक्षण हैं तो उनकी जांच की जाएगी। 

सर्जरी से पहले भी रूटीन टेस्ट जरूरी नहीं 
एम्स के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा की तरफ से जारी आदेश में सभी विभागाध्यक्षों और केंद्रों के प्रमुखों से कहा गया है कि सभी फैक्ल्टी, रेजिडेंट डॉक्टर, टेक्निकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ के संज्ञान में यह जानकारी लाएं कि मरीजों की भर्ती या सर्जरी से पहले रूटीन कोरोना जांच की कोई जरूरत नहीं है।


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क्या हैं ICMR की गाइडलाइन
आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलीराम भार्गव ने पिछले दिनों कहा था कि सभी सिम्प्टोमैटिक लोग यानी जिन्हें लक्षण हों, उन्हें कोरोना का टेस्ट कराना चाहिए। इनके संपर्क में आए उन सभी लोगों को टेस्ट कराना चाहिए, जो हाई रिस्क की श्रेणी में आते हैं। यानी 60 वर्ष से अधिक आयु वाले, को-मॉर्बेडिटी, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, लंग्स, किडनी, कैंसर और ओबेसिटी से जूझ रहे लोग मरीज के संपर्क में आए हैं तो उनके लिए टेस्ट जरूरी है। 

इनके इलाज में नहीं करें देर : ICMR के मुताबिक बिना लक्षण वाली गर्भवती महिलाएं, जिनकी डिलीवरी होनी है या जिनकी सर्जरी होनी है, उन लोगों को जांच कराने की जरूरत तब तक नहीं है, जब तक कोई लक्षण नहीं हैं। डॉ. भार्गव ने कहा कि कोविड टेस्ट के कारण इनके इलाज में किसी तरह की देर करने की जरूरत नहीं है। इनका टेस्ट तभी करना चाहिए, जब इन्हें गले में खराश, सांस लेने में परेशानी, बुखार, सरदर्द आदि हों। उन्होंन साफ कहा था कि जो एसिम्टोमैटिक हैं यानी लक्षण नहीं हैं, उन्हें किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वालों को भी जांच की जरूरत नहीं है, जब तक वे 60 वर्ष से ऊपर, को-मॉर्बेडिटी या गभीर बीमारियों से ग्रसित नहीं हों। बिना लक्षण वाले मरीजों को सात दिन तक होम क्वारेंटाइन में रहने की जरूरत है।  

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