कोविड मरीजों के लिए एंटी वायरल टैबलेट Molnupiravir का ट्रायल पूरा, जानें मरीजों पर कितनी कारगर होगी यह गोली

कोविड 19 (Covid 19) से लड़ाई के लिए जल्द भारत को एक और दवा मिलने जा रही है। टैबलेट फॉर्म में आने वाली यह एंटी वायरल दवा ट्रायल में कारगर साबित हुई है। आज 27 दिसंबर को केंद्र सरकार के दवा नियामक और सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) इस एंटीवायरल टैबलेट मोलनुपीराविर (Molnupiravir) की सिफारिश के लिए बैठक करेगी। 

नई दिल्ली। कोरोना (Covid 19) और ओमीक्रोन (Omicron) के बढ़ते प्रकोप के बीच जल्द ही मरीजों को एंटी वायरल टैबलेट मिलनी शुरू होगी। इसके तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो गया है। आज 27 दिसंबर को केंद्र सरकार के दवा नियामक और सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) इस एंटीवायरल टैबलेट मोलनुपीराविर (Molnupiravir) की सिफारिश के लिए बैठक करेगी। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 फार्मा कंपनियों ने इन एंटीवायरल टैबलेट्स का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है। इस एंटीवायरल टैबलेट के नतीजे काफी बेहतर हैं। जानें, इस दवा के बारे में...

मरीजों पर कितनी कारगर है यह दवा ? 
ट्रायल के जो नतीजे आए हैं, उसके मुताबिक इस टैबलेट से कोविड 19 (Covid 19) के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर में 30 प्रतिशत तक कमी आएगी। इसलिए माना जा रहा है कि यह टैबलेट कोरोना मरीजों के इलाज में काफी मददगार होगी। 

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किन मरीजों को दी जाएगी यह टैबलेट?
कोविड स्ट्रैटजी ग्रुप के चेयरमैन और सीएसआईआर के अध्यक्ष डॉ. राम विश्वकर्मा ने नवंबर में कहा था कि यह एंटी वायरल गोली हल्के से मध्यम लक्षण वाले COVID-19 रोगियों के इलाज में कारगर साबित होगी। यानी हल्के एसिम्प्टोमैटिक मरीजों को यह दी जाएगी। 

क्या और टैबलेट्स पर चल रहा काम?
फाइजर की पैक्सलोविड टैबलेट पर भी काम चल रहा है। टैबलेट फॉर्म में दवाएं आने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी। वैक्सीनेशन के साथ एंटी वायरल दवा मिलेगी तो कोविड को मात देने में काफी मदद मिलेगी।  

क्या किसी और देश इसे अनुमति मिली है? 
ब्रिटेन में इसके उपयोग को अनुमति दी गई थी। भारत में मर्क कंपनी के अलावा करीब 10 कंपनियां इसका उत्पादन कर रही हैं। अनुमति मिलते ही यह दवाएं मरीजों को उपलब्ध हो जाएंगी।  

जल्द मिल सकती है कार्बेवैक्स 
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कोवोवैक्स की भी समीक्षा करेगी। सीरम के कोवोवैक्स को डब्ल्यूएचओ (WHO) ने हाल ही में इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) में शामिल किया है। अमेरिका स्थित नोवोवैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को फिलीपींस में इन वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल पहले ही मिल चुका है। कमेटी कार्बेवैक्स वैक्सीन का भी रिव्यु करेगी। इसे हैदराबाद की फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई ने विकसित किया है। इस कंपनी ने अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति के लिए तीसरे चरण के डेटा सबमिट किए हैं। केंद्र सरकार कार्बेवैक्स के 30 करोड़ वायल के लिए 1,500 करोड़ का एडवांस पेमेंट अगस्त में ही कर चुकी है। 

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