15 से 17 उम्र वालों के वैक्सीनेशन की गाइडलाइन जारी, कोविन ऐप के अलावा ऑनसाइट भी करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

भारत में 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना रोधी वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) लगाई जाएगी। अभी भारत में 12 साल से ऊपर लोगों के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन फिलहाल भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। जानें बच्चों को कहां लगेगी कोरोना वैक्सीन। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2021 6:18 AM IST / Updated: Dec 27 2021, 08:04 PM IST

नई दिल्ली। देश में बढ़ रहे ओमीक्रोन (Omicron Variant) के बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन (Vaciination) शुरू होने जा रहा है। 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू होगा। इनके लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) और जायडस कैडिला की जायकोव-डी (Zycov-D) को मंजूरी मली है। लोगों के मन में सवाल है कि बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए क्या करना होगा। सरकार ने सोमवार को इस संबंध में सारी जानकारी दी है। जानें पूरी प्रोसेस...

बच्चों को टीके की शुरुआत क्यों? 
- लंबे समय से सरकार इस पर विचार कर रही थी। ओमीक्रोन के बढ़ते मरीजों की संख्या और देश में 141 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के बाद बच्चों को भी सुरक्षा चक्र देने का फैसला किया गया। 

अभी किस उम्र के बच्चों को लगेगी वैक्सीन?
- देश में अभी 15 से 17 साल के बच्चों को ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। 2 से 12 साल तक के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। 

 वैक्सीन लगवाने के लिए क्या करना पड़ेगा?
- कोई भी CO-WIN ऐप पर अपने मोबाइल नंबर के जरिये वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। टीका उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनका जन्म 2007 या उससे पहले हुआ है। वैक्सीन सेंटरों पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाएगी। 

आधार नहीं है तो क्या करना होगा?
- आधार कार्ड नहीं बना है तो दसवीं का आईडी कार्ड भी इसमें इस्तेमाल किया जा सकेगा।

कौन सी वैक्सीन लगाई जाएगी?
- भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जाएगी। इस उम्र के टीकाकरण के लिए देश में अभी यही वैक्सीन उपलबध है। देश में फिलहाल 15 से 17 साल के बीच के बच्चों की अनुमानित आबादी 7 से 8 करोड़ है। देश में लगभग 37 करोड़ बच्चे और किशोर हैं। 

क्या बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए शुल्क लगेगा?
- नहीं, सरकार सभी के लिए मुफ्त टीका मुहैया करा रही है। इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। प्राइवेट अस्पतालों में अभी वैसे भी टीकाकरण बहुत कम हो रहा है। 

12 से 18 साल के बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी तो मिल गई है?
- DCGI ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों पर इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। लेकिन वैक्सीनेशन कब शुरू होगा, इसका फैसला केंद्र सरकार करेगी।  

 जायकोव-डी क्यों नहीं लग रही?
- जायडस कैडिला की जायकोव-डी को 20 अगस्त को ही मंजूरी मिल गई थी। लेकिन देशभर के वैक्सीनेशन में अभी इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। सरकार इसे भी खरीदती है तो इसका इस्तेमाल होगा। 

 बच्चों को वैक्सीन लगवाना क्या सुरक्षित है? 
- दुनिया के कई देशों में बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। देश में कोवैक्सीन के ट्रायल हो चुके हैं। बच्चों पर यह वैक्सीन असरदार साबित हुई है।

वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट्स भी हैं?
- अभी तक कोई भी बड़े साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए हैं। वैक्सीन लगने के बाद बुखार, बदन दर्द, इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यह हर वैक्सीन से होते हैं। 

पहली और दूसरी डोज कब लगेगी?
- जो कोवैक्सीन वयस्कों को दी जा रही है, वही बच्चों को भी दी जाएगी। दोनों डोज के बीच 28 दिन का अंतर रहेगा। अगर 3 जनवरी को पहली डोज लग गई है तो 31 जनवरी के बाद दूसरी डोज लगवा सकते हैं।

वैक्सीन लगवाने कहां जाना होगा?
- वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकारों ने अलग-अलग जगह सेंटर बनाए हैं। कोविन ऐप पर इसकी पूरी जानकारी मिलेगी। सरकारी ने इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन यह उन्हीं सेंटर्स पर लगेगी, जहां वयस्कों को डोज लग रहे हैं। 

बूस्टर डोज के लिए क्या करना होगा ? 
- 60 साल से अधिक उम्र के हैं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं तो सबसे पहले अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा। रजिस्टर्ड डॉक्टर के द्वारा बना यह सर्टिफिकेट CoWIN पोर्टल पर अपलोड करना होगा। यह सर्टिफिकेट कोविन ऐप के अलावा सेंटर पर भी जमा किया जा सकता है।  

कितने दिनों बाद मिलेगी बूस्टर डोज?
- दूसरी डोज लेने के 39 हफ्ते बाद बूस्टर डोज या प्रिकॉशनरी डोज मिलेगी। यानी दूसरी डोज के 9 महीने बाद यह डोज लगवा सकेंगे। यह डोज 10 जनवरी से लगनी शुरू होगी। 

किसे मिलेगी प्रिकॉशनरी डोज?
- यह प्रिकॉशनरी डोज हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को दी जाएगी, जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं और वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। 

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