Covid पॉजिटिव के संपर्क में हैं तो टेस्ट कराएं या नहीं, कितने दिन रहें क्वारेंटाइन... जानें क्या कहता है ICMR

Covid 19 testing guideline : आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव का कहना है कि बिना लक्षण वाले मरीजों (एसिम्प्टोमैटि) के संपर्क में आए सभी लोगों को कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा जिन्हें कोई लक्षण नहीं हैं, उनके इलाज के लिए कोविड जांच में समय नहीं बर्बाद करना चाहिए। 

नई दिल्ली। देश में कोरोना (coronavirus) के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन थोड़ी राहत है कि ज्यादातर मरीज एसिम्प्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले हैं। लोगों में कोरोना को लेकर दहशत है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग टेस्टिंग करवा रहे हैं। कुछ जगह मेडिकल शॉप्स से भी टेस्टिंग किट खरीदकर टेस्टिंग की बात सामने आई है। इन सबके बीच आईसीएमआर (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि किसे टेस्टिंग की जरूरत है और कितने दिन के लिए किसे क्वारेंटाइन होना चाहिए। 

ये हर हाल में कराएं Covid Test : डॉ. भार्गव के मुताबिक सभी सिम्प्टोमैटिक लोग यानी जिन्हें लक्षण हों, उन्हें कोरोना का टेस्ट कराना चाहिए। इनके संपर्क में आए उन सभी लोगों को टेस्ट कराना चाहिए, जो हाई रिस्क की श्रेणी में आते हैं। यानी 60 वर्ष से अधिक आयु वाले, को-मॉर्बेडिटी, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, लंग्स, किडनी, कैंसर और ओबेसिटी से जूझ रहे लोग मरीज के संपर्क में आए हैं तो उनके लिए टेस्ट जरूरी है। 

Latest Videos

इनके इलाज में नहीं करें देर : बिना लक्षण वाली गर्भवती महिलाएं, जिनकी डिलीवरी होनी है या जिनकी सर्जरी होनी है, उन लोगों को जांच कराने की जरूरत तब तक नहीं है, जब तक कोई लक्षण नहीं हैं। डॉ. भार्गव ने कहा कि कोविड टेस्ट के कारण इनके इलाज में किसी तरह की देर करने की जरूरत नहीं है। इनका टेस्ट तभी करना चाहिए, जब इन्हें गले में खराश, सांस लेने में परेशानी, बुखार, सरदर्द आदि हों। 

यदि मैं कोविड पॉजिटिव हुआ तो क्या : डॉ. भार्गव ने कहा -  यदि मैं इस दफ्तर में काम करता हूं और पॉजिटिव आता हूं तो मेरे 60 वर्ष से ऊपर के सभी रिश्तेदार, को-मॉर्बेडिटी या गंभीर रोगों से जूझ रहे संपर्क में आए लोगों को टेस्ट कराना चाहिए। इस स्थिति में मेरे बच्चों को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें 7 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन होने की जरूरत है। 

जिन्हें लक्षण नहीं : जो एसिम्टोमैटिक हैं यानी लक्षण नहीं हैं, उन्हें किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वालों को भी जांच की जरूरत नहीं है, जब तक वे 60 वर्ष से ऊपर, को-मॉर्बेडिटी या गभीर बीमारियों से ग्रसित नहीं हों। बिना लक्षण वाले मरीजों को सात दिन तक होम क्वारेंटाइन में रहने की जरूरत है।  

डिस्चार्ज पॉलिसी बदली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9 जनवरी को COVID-19 की रिव्यु मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के और मध्यम मामलों को लेकर डिस्चार्ज पॉलिसी बदली है। हल्के लक्षण वाले मरीजों को रिपोर्ट आने के सातवें दिन डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिन मरीजों को कोई इमरजेंसी नहीं है, उन मरीजों के लिए तीन दिन का वक्त तय किया गया है। अब डिस्चार्ज के लिए दोबारा टेस्ट की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा अगर मध्यम मामलों में मरीजों का ऑक्सीजन लेवल लगातार तीन दिन 93 प्रतिशत से ज्यादा है, तो उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।

यह भी पढ़ें
New Guidelines for Covid-19: घर में कौन हो सकता है आइसोलेट, मरीजों का कैसे रखें ध्यान, जानें सब कुछ
ओमीक्रोन और डेल्टा, कोरोना के दोनों ही वैरिएंट में असरदार है कोवैक्सीन की बूस्टर डोज, भारत बायोटेक का दावा

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News