वैक्सीन को लेकर मोदी ने विपक्ष को यूं ही नहीं घेरा, देखें - थरूर-अखिलेश समेत विपक्ष ने कैसी अफवाहें फैलाईंं

Vaccination Drive in India : देश में 16 जनवरी 2021 से वैकसीनेशन शुरू हुआ था। इसके बाद से लगातार टीकाकरण अभियान तेज होता गया। एक साल बाद 03 जनवरी 2022 से देश में 15 से 17 उम्र के बच्चों तक को टीका लगना शुरू हो गया। 10 जनवरी से प्रिकॉशन डोज भी लग रहे हैं। तीसरी लहर में का अधिक प्रभाव न डालना तेज हुई वैक्सीनेशन ड्राइव का ही नतीजा बताया जा रहा है। 

नेशनल डेस्क। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Pm narendra modi) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के महाराजपुर (Up election 2022) में देश में कोरोना रोधी वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) को लेकर विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद देश में टीकाकरण अभियान (Vaccination drive) सफलतापूर्वक चलाई गई। लेकिन विपक्ष ने हमेशा हमारे टीके के प्रति लोगों में संदेह पैदा किया। 16 जनवरी 2021 को देश में वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया था। इसके बाद से अब तक देश में 177 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। दूसरी लहर के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेताओं ने भी वैक्सीन लगवाईं, जो कभी इसके विरोध और दुष्प्रचार में लगे थे। जानें, किस तरह की बाधाओं और दुष्प्रचारों को पार करते हुए देश ने इतने बड़े टीकाकरण का लक्ष्य पार किया। 

वैक्सीन के प्रति इस तरह फैलीं अफवाह 
देश में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण कार्यक्रम (Vaccine drive In India) चालू हुआ था। इसके पहले सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक (Bharat biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) को सरकार ने इमरजेंसी यूज की अनुमति दी थी। हालांकि इन वैक्सीनों को शुरुआत चरण में काफी नकारात्मक रुझानों का सामना करना पड़ा।

यह भी पढ़ें corona virus: राहत की खबर, 10 हजार से नीचे आए कोरोना केस; वैक्सीनेशन 177.50 करोड़ के पार 

Latest Videos

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin)के अंतिम चरण के ट्रायल के दौरान भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में ट्रायल हुए थे। यहां ट्रायल के बाद एक वॉलेंटियर की मौत हो गई, जिसे वैक्सीन से हुई मौत बताया गया। बड़ी संख्या में मीडिया हाउसों ने इसे वैक्सीन का साइड इफेक्ट बताया। हालांकि, उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह जहर सामने आई। 

जून 2021 में कांग्रेस नेता शशि थरूर, आनंद शर्मा और जयराम रमेश ने वैक्सीन के खिलाफ बयान दिए थे। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली तो तीनों नेताओं ने इसे खतरनाक बताया था। इनका कहना था कि सरकार ने इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया, जबकि सरकार की प्रक्रिया के मुताबिक प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वैक्सीन लगवाने से ही इंकार कर दिया था। उन्होंने इसे बीजेपी की वैक्सीन बताते हुए इसका विरोध किया था। समाजवादी पार्टी के नेता आशुतोष सिन्हा ने दावा किया कि वैक्सीन में ऐसा कुछ है, जिससे नुकसान पहुंच सकता है। आप इससे नपुंसक बन सकते हैं या फिर कुछ भी हो सकता है।

सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड का साइड इफेक्ट्स में बुखार आना आम बात है। लेकिन इसे काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। कई विपक्षी नेताओं ने वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात सोशल मीडिया पर साझा की। 

एक और दावे में कुछ इस्लामिक जानकारों ने अफवाह फैलाई कि वैक्सीन में पोर्क (सुअर का मांस) मिलाया गया है, इसलिए किसी भी मुसलमान को वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। हालांकि भारत सरकार ने इस दावे का खंड किया। भारत में बनी दोनों वैक्सीनों में पोर्क का इस्तेमाल नहीं किया गया है।  

एक मुस्लिम धर्मगुरु का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वह कह रहा था कि कि वैक्सीन में चिप लगा हुआ है जिससे आपके दिमाग को नियंत्रित किया जाएगा। यह वीडियो काफी वायरल हुआ था। हालांकि, वैक्सीन की एक वायल से 10 डोज लगती हैं, ऐसे में इसमें चिप या माइक्रोचिप का सवाल ही नहीं उठता है। 

यह भी पढ़ें UP Chunav 2022: महाराजगंज में PM मोदी ने कहा- गरीबों की चिंता मोदी दिन रात करता है

Share this article
click me!

Latest Videos

Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
'गौतम अडानी गिरफ्तार हों' Rahul Gandhi ने PM Modi पर लगाया एक और बड़ा आरोप
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts