Covid 19 : कभी वैक्सीन के रिसर्च अप्रूवल में लगते थे 3 साल, हेल्थ मिनिटस्टर ने बताया, कैसे 1 साल में दिया टीका

भारत (India) में कोविड 19 का पहला केस (First Covid 19 Case in india) आने के एक साल बाद वैक्सीनेशन (Vaccination) शुरू हो गया था। 13 जनवरी 2020 को केरल में पहला केस आया था, जबकि 16 जनवरी 2021 से पूरे देश में वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 3, 2021 10:24 AM IST

नई दिल्ली। लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि एक समय था जब किसी वैक्सीन (Vaccine) के रिसर्च के अप्रूवल में तीन साल लग जाते थे। यही वजह थी कि कोई शोध नहीं करता था। हमने उन नियमों को खत्म किया। इसी का नतीजा है कि देश को एक साल के अंदर वैक्सीन मिल गई। उन्होंने कहा कि यह सब प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता की वजह से हुआ। उन्होंने हमें जो सुविधा दी, उसी की बदौलत हम इतनी जल्दी वैक्सीन निर्माण कर पाए। 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में कोविड 19 (Covid 19) का पहला मामला 13 जनवरी 2020 को सामने आया था। केंद्र सरकार ने इससे पहले ही संयुक्त निगरानी समिति की पहली बैठक 8 जनवरी 2020 को की थी। यह स्पष्ट करता है कि हम सतर्क थे और हमने पहले से ही सावधानी बरतना और कोविड से लड़ाई पर काम शुरू कर दिया था। 

हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम तेज 
मांडविया ने बताया कि मोदी सरकार ने कमजोर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत सारे काम किए हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी करने वाली पिछली सरकारों को मोदी ने दोष दिए बिना रिजल्ट ओरिएंटेड काम किया। पिछले 2 वर्षों में, पीएम मोदी के नेतृत्व में निर्णय दिखाता है कि यह सरकार इच्छाशक्ति के साथ काम करती है, शक्ति से नहीं। 

16 जनवरी से देश में शुरू हुआ था वैक्सीनेशन 
भारत में कोविड 19 का पहला केस आने के एक साल बाद वैक्सीनेशन (Vaccination) शुरू हो गया था। 13 जनवरी 2020 को केरल में पहला केस आया था, जबकि 16 जनवरी 2021 से पूरे देश में वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया था। सबसे पहले यह फ्रंट लाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स को लगी। इसके बाद दूसरे उम्र के लोगों को वैक्सीन देनी शुरू हुई। 

यह भी पढ़ें
Omicron खतरे के बीच दक्षिण अफ्रीका से आए 10 विदेशी नागरिक गायब, खोजने में फूले प्रशासन के हाथपांव
Omicron Update : देश में 40 पार उम्र वालों को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की सिफारिश, गंभीर बीमारों पर भी फोकस

Share this article
click me!