
Critical minerals exploration license: देश में पहली बार क्रिटिकल मिनरल्स के लिए Exploration Licences (ELs) की नीलामी शुरू कर दी गई है। इस पहल की शुरूआत गोवा में की गई है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने इसे शुरू किया है। कार्यक्रम में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) भी मौजूद रहे।
यह मिनरल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (Mineral Exploration License) देश के Rare Earth Elements (REE), Zinc, Diamond, Copper, Platinum Group Elements (PGE) जैसे खनिज संसाधनों को खोजने का एक बड़ा कदम है। इस नीलामी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक के ब्लॉक्स शामिल हैं।
लॉन्च इवेंट में जी किशन रेड्डी ने कहा कि भारत का माइनिंग सेक्टर बीते 10 वर्षों में कई ऐतिहासिक बदलावों से गुजरा है। उन्होंने कहा कि आज का दिन एक नया इतिहास बना रहा है। हम मिनरल एक्सप्लोरेशन के एक नए युग की नींव रख रहे हैं, जो तेज, तकनीक-प्रधान और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप होगा। रेड्डी ने कहा कि भारत अब वैश्विक Mineral Landscape में एक मजबूत खिलाड़ी बन चुका है और यह नीलामी निजी क्षेत्र के लिए असीमित अवसरों के द्वार खोलेगी।
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि सरकार की यह पहल निजी कंपनियों के लिए नए अवसर लेकर आई है। नए Exploration Licences के तहत, निजी कंपनियों को 1,000 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र में अन्वेषण (Exploration) की अनुमति दी जाएगी। रेड्डी ने कहा कि माइनिंग क्षेत्र में Private Companies की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने MMDR Act 2023 में संशोधन किया है। इससे खनिज संसाधनों की खोज को बढ़ावा मिलेगा और भारत खनिज आत्मनिर्भरता (Mineral Atmanirbharta) की ओर बढ़ेगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने खुले और पारदर्शी ऑक्शन सिस्टम के तहत इस प्रक्रिया को लागू किया है ताकि निवेशकों और कंपनियों को फायदा मिल सके।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि Goa Mining हमेशा से राज्य की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रहा है। सावंत ने कहा कि आज हम खनिज अन्वेषण (Mineral Exploration) के एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं। यह पहल आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के लक्ष्य को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि भारत को Rare Earth Minerals और Green Energy सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की पहल बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर AI Hackathon 2025 भी लॉन्च किया गया जिसका फोकस Mineral Targeting using AI पर रहेगा। यह भारत में खनिज खोज के क्षेत्र में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
माइन्स सेक्रेटरी वी एल कंथा राव (V L Kantha Rao) ने इस इवेंट को Union Ministry of Mines के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। कंथा राव ने कहा कि आज हम कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, जिनमें Critical Mineral Auction भी शामिल है। भारत 100% आयात पर निर्भर कई महत्वपूर्ण खनिजों को अब खुद खोजने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि विदेशी कंपनियां जिस तरह Exploration करती हैं, वैसा ही मॉडल अब भारत में भी लागू किया जाएगा। निजी कंपनियों को एक्सप्लोरेशन का अधिकार मिलेगा और अगर कोई महत्वपूर्ण खनिज मिलता है तो उन्हें 50 साल तक उस पर इनकम होगी। अगर कुछ नहीं मिलता तो सरकार 50% जोखिम वहन करेगी।