Exclusive: 'तमिलनाडु में भाजपा के लिए गठबंधन के सभी विकल्प खुले'

भाजपा लंबे वक्त से दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटी है। अब तक दक्षिण में सिर्फ कर्नाटक में ही भाजपा को सफलता मिली है। लेकिन पार्टी की निगाहें अब तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और पुडुचेरी में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 9, 2020 9:39 AM IST / Updated: Oct 09 2020, 03:10 PM IST

बेंगलुरु. भाजपा लंबे वक्त से दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटी है। अब तक दक्षिण में सिर्फ कर्नाटक में ही भाजपा को सफलता मिली है। लेकिन पार्टी की निगाहें अब तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और पुडुचेरी में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। 

हमारे सहयोगी Asianet Newsable ने भाजपा महासचिव सीटी रवि से खास बातचीत की। सीटी रवि दक्षिण भारत में भाजपा के इंचार्ज भी हैं। 

सवाल: दक्षिण भारत में भाजपा के इंचार्ज होने के नाते आपके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है, पार्टी के विकास को सुनिश्चित करने के लिए आपकी क्या योजना है? आपकी रणनीति क्या होगी?

सीटी रवि: हमारी दीर्घकालिक योजना है कि हमारी पार्टी  सर्वस्पर्शी भाजपा सर्वव्यापी भाजपा होनी चाहिए। यानी पार्टी पूरे देश में विकास करे। हम सभी पक्षों तक पहुंचना चाहते हैं। भाजपा राजनीतिक अस्पृश्यता में विश्वास नहीं करती है। ना ही सामाजिक और ना ही राजनीतिक अस्पृश्यता। हम सभी को साथ लेकर विकास करने में विश्वास रखते हैं। इस उद्देश्य के साथ हमें कई राज्यों में मजबूती मिली है। कर्नाटक को छोड़कर बाकी राज्यों में हमें विकास करना है। तेलंगाना, आंध्र, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, यहां तक की लक्षद्वीप में हमें मजबूत बनना है। हमें इस दिशा में रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि टीम वर्क के साथ हमारी रणनीति काम आएगी। हमारी जिम्मदारी बदल सकती है लेकिन टीम वर्क एक ही रहेगा। 

सवाल- तमिलनाडु में लोग हिंदी को लेकर आलोचना कर रहे हैं, भाजपा को विरोधी पार्टी के तौर पर देखते हैं, ऐसे में आप वोटर को कैसे मनाएंगे?

सीटी रवि: नहीं ये ऐसा नहीं है। हर राज्य की स्थिति के मुताबिक, हमें सार्वजनिक हित की रक्षा करना और साथ साथ राष्ट्रीय हित को बढ़ावा देना है। भाजपा 'पहले राष्ट्र' की नीति के आधार पर राजनीति करता है। लेकिन हम क्षेत्रीय हित दरकिनार नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा, जब तमिलनाडु की बात आती है, तमिल गर्व है। कर्नाटक में कन्नड़ गर्व है। जब आंध्र या तेलंगाना की बात होती है तो वहां तेलुगू गर्व है। केरल में मलयालम गर्व है। लेकिन भारत जननीय तनुजते भी हम काम के वक्त याद रखते हैं। 

सवाल- खासकर तमिलनाडु में, आप कुछ समय पहले तमिलनाडु के इंचार्ज थे, आपको रणनीति चाहिए जो असर डाले। क्या आपके पास ऐसी कोई रणनीति है?

सीटी रवि ने कहा, अगले हफ्ते मैं क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर एक बैठक करूंगा। इस दौरान हम ऐसे मुद्दों को चुनेंगे जो राज्य के चुनाव को प्रभावित करेंगे। इसके बाद हम अपनी मजबूती और कमजोरी का आकलन करेंगे। इसके बाद कुछ फैसला करेंगे। 

सवाल: क्या बीजेपी बंगाल मॉडल को दोहराने की योजना बना रही है? क्या इसीलिए पूर्व आईपीएस अधिकारी, जो पार्टी का हिस्सा हैं, को युवाओं को आकर्षित करने के लिए दक्षिण भेजा जा रहा है, जैसा बाबुल सुप्रियो ने किया?

सीटी रवि : नहीं ऐसा नहीं है। अन्नामलाई (कर्नाटक के पूर्व आईपीएस अफसर) अच्छा कर रहे हैं। वे युवाओं को आकर्षित करते हैं। भाजपा में उनका भविष्य है। हम इस अवसर का फायदा भाजपा को मजबूत करने में उठाएंगे। 

सवाल : तमिलनाडु में आपकी पार्टी का मजबूत होना बाकी है। विकास के लिए गठबंधन ही अहम है। एआईएडीएमके को प्राकृतिक सहयोगी कहा जाता है, क्या आप डीएमके के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं?

सीटी रवि: कर्नाटक में भी ऐसी ही समस्या थी। जनता के पास जनता दल और कांग्रेस का विकल्प था। लेकिन अब जनता हमें समर्थन दे रही है। जब तक हम तमिलनाडु में अपने आप को स्थापित नहीं करते, स्थिति एक जैसी रहेगी। राष्ट्र और तमिलनाडु की भलाई के लिए हमने गठबंधन के सभी विकल्प खोल रखे है। 

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