Air Pollution: लंबे समय बाद दिल्ली की हवा में सुधार, AQI 149, लेकिन आजकल में फिर बढ़ सकता है प्रदूषण

लंबे समय बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण से लोगों को राहत मिली है। मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में ओवरऑल वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में खासी कमी आई है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार को 149 यानी मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। 

नई दिल्ली. लंबे समय बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण से लोगों को राहत मिली है। मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में खासी कमी आई है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार को 149 यानी मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। रविवार को हवाओं की गति तेज रहने से प्रदूषण फैलाने वाले तत्व कम हुए थे। मौसम विभाग के अनुसार आज भी हवा की स्पीड 25-30 किमी/घंटा रह सकती है।

लेकिन अगले कुछ दिनों में फिर हालात बिगड़ने का अंदेशा
मौसम विभाग(IMD) ने चेतावनी दी है कि 23 फरवरी से फिर हवा की गति कम होगी। इससे प्रदूषण बढ़ सकता है। इधर,दिल्ली की तर्ज पर अब गुरुग्राम में भी वायु प्रदूषण ( Air Pollution) की समस्या से निपटने के लिए स्मॉग टॉवर लगाए जाने की तैयारी है। पिछले हफ्ते गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh)  ने एक समीक्षा बैठक के दौरान जिला अधिकारियों को इसकी योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।

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IIT के साथ मिलकर दिल्ली सरकार रोकेगी प्रदूषण
दिल्ली में दिवाली के समय से ही हवा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा था। इस बीच खबर है कि दिल्ली सरकार IIT दिल्ली और IIT कानपुर के साथ मिलकर वायु प्रदूषण रोकने की दिशा में कार्ययोजना तैयार करेगी। इससे 7 दिनों की प्रति घंटे के आधार पर प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। इस संबंध में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने आईआईटी कानपुर और आईआईटी दिल्ली के साथ एक बैठक की थी। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, इसे लेकर अध्ययन किया जा रहा है। इस योजना के आधार पर पूर्वानुमान मिलने से स्कूल बंदर करने, निर्माण स्थलों पर पाबंदी लगाने सहित कई निर्णय समय पर लिए जा सकेंगे।

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 

संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।

मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 

खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।

बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।

गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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