साइक्लोन दितवाह के चलते चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। भारी बारिश, बाढ़ और तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी है। श्रीलंका में 334 मौतों के बीच भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत 53 टन राहत सामग्री भेजी है।
चेन्नई। तमिलनाडु में साइक्लोन दितवाह की वजह से लगातार बारिश, तेज़ हवाओं और बाढ़ जैसी स्थिति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है, जिसके बाद चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम ज़िलों में आज सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। प्रशासन का कहना है कि हालात बिगड़ सकते हैं, इसलिए एहतियात ज़रूरी है। भारी बारिश की चेतावनी के बाद लोग घरों में रहने की अपील की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। राज्य सरकार और डिज़ास्टर मैनेजमेंट टीमें लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।
क्या साइक्लोन दितवाह की रफ़्तार तमिलनाडु के लिए खतरा बन चुकी है?
साइक्लोन दितवाह लगातार अपनी दिशा बदलते हुए और मजबूत होकर तमिलनाडु के समुद्री इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ घंटों में कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसी खतरे को देखते हुए चेन्नई की ज़िला कलेक्टर रोशनी सिद्धार्थ जगड़े ने आधी रात को ही सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी। तिरुवल्लूर और कांचीपुरम के कलेक्टरों ने भी यह आदेश जारी करते हुए कहा कि बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम बेहद ज़रूरी था।
बारिश, हवा और बाढ़ का खतरा: क्या स्टूडेंट्स की सुरक्षा दांव पर थी?
अधिकारियों का कहना है कि तेज़ बारिश की वजह से कई इलाकों में पानी भरने की आशंका है।
सड़कें फिसलन भरी हो रही हैं और पेड़ गिरने जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी की आशंका है।
ऐसे हालात में बच्चों का स्कूल आना-जाना जोखिम भरा हो सकता था, इसलिए छुट्टी घोषित की गई।
डिज़ास्टर मैनेजमेंट टीमें एनडीआरएफ के साथ लगातार निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी आपदा में फौरन राहत पहुंचाई जा सके।
श्रीलंका में तबाही, 334 मौतें…क्या दितवाह भारत में भी वही तबाही दोहरा सकता है?
साइक्लोन दितवाह श्रीलंका में भारी तबाही मचा चुका है।
अब तक 334 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। राजधानी कोलंबो के कई इलाकों में बाढ़ ने हालात बेहद खराब कर दिए हैं।
इसी कारण भारत के तटीय इलाके भी सतर्क हैं।
भारत ने श्रीलंका को मदद पहुंचाने के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है।
INS विक्रांत के चेतक हेलीकॉप्टर और भारतीय वायु सेना के MI-17 हेलीकॉप्टर लगातार बचाव अभियानों में जुटे हुए हैं।
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और घायल नागरिकों सहित कई देशों के लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है।
भारत की राहत सामग्री क्यों बनी श्रीलंका की उम्मीद?
भारत ने संकट की घड़ी में श्रीलंका को 53 टन राहत सामग्री भेजी है।
इसमें दवाइयां, खाने-पीने का सामान, टेंट, मेडिकल किट और जरूरी बचाव सामग्री शामिल है।
दोनों देशों की सेनाएं मिलकर लगातार खोज और बचाव अभियान चला रही हैं।
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह मिशन अभी जारी रहेगा जब तक कि सभी प्रभावित इलाकों में राहत पूरी तरह पहुंच नहीं जाती।
लोगों से अपील: क्या अगला 24 घंटा सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है?
प्रशासन ने साफ कहा है कि अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
लोगों से अपील है कि वे घर में सुरक्षित रहें, गैर-ज़रूरी यात्रा से बचें और केवल आधिकारिक अलर्ट का ही पालन करें।
साइक्लोन दितवाह की दिशा और तेज़ी को देखते हुए हालात कब बिगड़ जाएं, कहना मुश्किल है।