
Cyclone Montha Landfall: चक्रवाती तूफान मोंथा 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में पहुंच चुका है। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार को यह मछलीपट्टनम तट से टकराया है, जिसके बाद अब ये मछलीपट्नम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास तट को पार कर सकता है। तूफान के चलते इलाके में तेज हवाएं चल रही हैं। साथ ही समंदर में 15 फीट ऊंची लहरें उठ रही हैं। खतरे को देखते हुए मौसम विभाग और प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र तट के आसपास न जाने के लिए अलर्ट जारी किया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, बुधवार 29 अक्टूबर को ये तूफान ओडिशा तट से टकरा सकता है। फिलहाल इसका केंद्र बंगाल की खाड़ी में बना है, जो मछलीपट्टनम से 20 किलोमीटर, जबकि विशाखापट्टनम तट से 220 km दूरी पर है। ये तूफान 17 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ओडिशा की ओर बढ़ रहा है।
मोथा चक्रवात के चलते देश के पूर्व तटीय राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तमिलनाडु के तटवर्ती शहरों में तबाही मचने का अंदेशा है। तेज हवाओं की वजह से यहां कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं। सोमवार-मंगलवार को साउथ-सेंट्रल रेलवे जोन में 120 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। वहीं, विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली सभी 32 फ्लाइट को रद्द किया जा चुका है। इसके अलावा विजयवाड़ा एयरपोर्ट से 16, जबकि तिरुपति से 4 फ्लाइट्स रद्द की गई हैं।
इस तूफान के तट पर पहुंचने की आशंका के चलते, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की 25 टीमों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ ने कहा कि वह जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है और तैयारियों के लिए मौसम विभाग के साथ मिलकर हालात पर नजर बनाए हुए है।
बता दें कि थाई भाषा में 'मोंथा' का मतलब सुगंधित फूल होता है। इसी के नाम पर इस तूफान का नाम रखा गया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार रात 8.30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक अल्लूरी सीताराम राजू जिले के काकीनाडा, कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा और चिंतुरु तथा रामपचोदवरम संभागों में चक्रवात का प्रभाव गंभीर होने की संभावना जताई है। इसके साथ ही इन सात जिलों में सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। तूफान से राज्य के 22 जिलों के 403 मंडलों पर असर पड़ने की आशंका है।