Heavy Rain Alert: साइक्लोन मोंथा से इन 3 राज्यों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी!

Published : Oct 28, 2025, 10:12 AM IST
cyclone montha landfall andhra pradesh

सार

Cyclone Montha ने लिया गंभीर रूप! बंगाल की खाड़ी से उठा यह तूफ़ान आज रात आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा। 100 किमी/घंटा की रफ्तार, भारी बारिश और ऊंची लहरों से तटीय राज्यों में हाई अलर्ट। क्या भारत तैयार है मोंथा के प्रहार के लिए?

नई दिल्ली। भारत मौसम विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी किया है कि साइक्लोन “मोंथा” (Cyclone Montha) अब ‘गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm)’ में बदल चुका है। बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान का असर अब तेजी से आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के तटीय इलाकों पर दिखाई देने लगा है। मंगलवार सुबह से ही कई जिलों में तेज हवाएं और बारिश शुरू हो चुकी हैं।

 

 

IMD के मुताबिक, यह साइक्लोन 28 अक्टूबर की शाम या रात तक आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट से टकरा सकता है। उस वक्त इसकी रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जबकि झोंके 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकते हैं।

साइक्लोन मोंथा अभी कहां है?

मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह यह तूफान मछलीपट्टनम से 190 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, काकीनाडा से 270 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और विशाखापत्तनम से 340 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित था। यह लगातार उत्तर-उत्तर-पश्चिम (north-northwest) दिशा में बढ़ रहा है।

आंध्र प्रदेश में अलर्ट, गांवों से निकाले जा रहे लोग

आंध्र प्रदेश प्रशासन ने तटीय इलाकों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। NDRF की टीमें उप्पड़ा क्षेत्र के 25 गांवों में तैनात की गई हैं। कोथापटनम गांव में लोगों को घर खाली करने के लिए कहा गया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन लाउडस्पीकर के ज़रिए चेतावनी दे रहे हैं कि समुद्र के किनारे कोई न जाए।

 

 

किन राज्यों में होगी भारी बारिश?

  • IMD ने भविष्यवाणी की है कि साइक्लोन मोंथा का असर सिर्फ आंध्र प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगा।
  • ओडिशा में गंजाम और गजपति जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
  • तमिलनाडु के चेन्नई, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम और कन्याकुमारी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
  • झारखंड और विदर्भ क्षेत्र में भी 31 अक्टूबर तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है।

‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ का मतलब क्या होता है?

IMD के अनुसार, जब किसी साइक्लोन की हवा की औसत गति 89 से 117 किमी प्रति घंटा के बीच होती है, तब उसे “गंभीर चक्रवाती तूफान” कहा जाता है। यह सामान्य साइक्लोन से कहीं अधिक खतरनाक होता है, क्योंकि इससे तटीय इलाकों में समुद्री लहरें ऊंची उठती हैं, पेड़ उखड़ सकते हैं और बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।

क्या तटवर्ती राज्यों को तैयार रहना चाहिए?

विशेषज्ञों का कहना है कि आंध्र, ओडिशा और तमिलनाडु को अगले 24 घंटे बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और तटीय जिलों के स्कूलों को भी बंद रखा गया है। IMD ने चेतावनी दी है कि “मोंथा” का असर अगले 48 घंटे तक बना रह सकता है। तूफान के दौरान बिजली गिरने, पेड़ गिरने और तेज हवाओं से नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

क्या मोंथा बनेगा सुपर साइक्लोन?

हालांकि अभी इसकी संभावना कम है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समुद्र का तापमान बढ़ा तो “मोंथा” और भी शक्तिशाली रूप ले सकता है। फिलहाल यह “गंभीर चक्रवाती तूफान” की श्रेणी में है, लेकिन इसकी दिशा और तीव्रता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

साइक्लोन मोंथा अब आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों के बेहद करीब है। प्रशासन ने राहत-बचाव टीमें सक्रिय कर दी हैं और तटीय इलाकों में मॉनिटरिंग चौबीसों घंटे जारी है। आने वाले कुछ घंटे दक्षिण भारत के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।

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