अब निसर्ग तूफान की दस्तक, 100 किमी की रफ्तार से चलेगी हवा; 3 जून को महाराष्ट्र के तट से टकराएगा, अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक निसर्ग तूफान 3 जून को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से टकरा सकता है। इस दौरान करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। जिसको लेकर महाराष्ट्र और गुजरात में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही NDRF की टीमों की तैनाती की गई है। 

मुंबई. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान अम्फान की तबाही के बाद अब गुजरात और महाराष्ट्र में निसर्ग चक्रवात का खतरा मंडराने लगा है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक निसर्ग तूफान 3 जून को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से टकरा सकता है। इस दौरान करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। 

इससे निपटने की योजना बनाने के लिए बीएमसी (BMC) डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों की मंत्रालय में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। तूफान को देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की है। इस दौरान तूफान का मुकाबला करने को लेकर की गई तैयारियों और अन्य रणनीतियों पर चर्चा की गई। 

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मौसम विभाग ने क्या कहा? 

IMD के उप महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि अरब सागर में बने निम्न दाब के क्षेत्र की वजह से अगले 24 घंटे में चक्रवात बन सकता है। निसर्ग चक्रवात 2 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ेगा। फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने के बाद हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से 3 जून की शाम या रात तक टकरा सकता है। बता दें कि हरिहरेश्वर शहर मुंबई और पुणे दोनों से 200 किलोमीटर की दूरी पर और दमन से 360 किलोमीटर की दूरी पर है। 

महाराष्ट्र में क्या है तैयारी? 

बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने बीएमसी को तूफान से बचाव के लिए कई सुझाव दिए हैं। बीएमसी से यह तय करने को कहा गया है कि जिन अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां की बिजली न जाने पाए। इसके लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। खुले मैदान में बने कोविड सेंटरों की मजबूती को देखकर ही मरीजों को वहां भर्ती किया जाए। वहां भर्ती मरीजों को जरूरत पड़ने पर कहीं और शिफ्ट करने की तैयारी रखी जाए। जिन निचले इलाकों जहां पानी भरने की आशंका है, वहां जरूरत पड़ने पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम तैयार रखी जाए।

मुंबई में NDRF की 3 टीमें तैनात

मुंबई को निसर्ग तूफान से बचाने के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की 3 टीमें तैनात की गई हैं। राज्य के अन्य हिस्सों में 6 टीमें भेजी गई हैं। इन टीमों को तटीय इलाकों में तैनात किया गया है। मुंबई के अलावा पालघर में दो और ठाणे, रायगड, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में एक-एक टीम तैनात की गई हैं। ये टीमें महाराष्ट्र सरकार, बीएमसी, मौसम विभाग और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि मुंबई फायर ब्रिगेड के जवानों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बचाव दल को समुद्र के किनारे पर तैनात रखा जाएगा।

क्या है गुजरात में तैयारी? 

गुजरात सरकार ने कहा कि निसर्ग चक्रवाती तूफान की आशंका के चलते भावनगर और अमरेली सहित तटीय जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही NDRF की 10 टीमों और SDRF की 5 टीमों को तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि, 3 जून को सूरत, नवसारी, वलसाड,भरूच, भावनगर और अमरेली में 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और बारिश होने की संभावना है। सीएम रुपाणी ने कहा कि इस समय बीमारों, बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल की आवश्यकता ज्यादा है। जिला कलेक्टरों को मंगलवार दोपहर 12 बजे तक निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है। 

सूरत के 32 गांवों में अलर्ट जारी

निसर्ग चक्रवात को लेकर सूरत में अलर्ट जारी है और NDRF की एक टीम सूरत पहुंच गई है। सूरत के समंदर तटीय 32 गावों को अलर्ट किया गया है। वहीं, मछुआरों को 4 जून तक समंदर की ओर ना जाने का आदेश दिया गया है। सूरत के डुम्मस, डभारी और सुवाली बीच को भी बंद कर दिया गया है। 

बता दें कि दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में कम दबाव वाला क्षेत्र सोमवार को गहरे डिप्रेशन में बदल गया है। यह आगे और भी उग्र रूप धारण करके दो जून को सुबह के समय चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके बाद फिर 3 जून की शाम या रात तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। 

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