महाराष्ट्र में भारी तबाही के बाद कमजोर पड़ा तूफान, गुजरात को मिली राहत,NDRF की टीमें अभी भी अलर्ट

भारी तबाही के बाद चक्रवाती तूफान तौकते कमजोर पड़ गया है। यानी गुजरात से खतरा टल गया है। लेकिन इससे पहले इसका भयंकर रूप सामने आया है। मुंबई से 175 किमी दूर हीरा ऑयल फील्ड के पास एक जहाज समुद्र में डूब गया। जहाज पर 273 लोग सवार थे। इनमें से 177 को नेवी ने रेस्क्यू करके बचा लिया। इसके साथ ही 3 अन्य जहाज भी फंसे हुए हैं। इधर, तूफान मुंबई और गुजरात में भारी तबाही के बाद हिमालय की ओर बढ़ रहा है।

नई दिल्ली. भारी तबाही के बाद चक्रवाती तूफान तौकते कमजोर पड़ गया है। तूफान मुंबई और गुजरात में भारी तबाही के बाद हिमालय की ओर बढ़ रहा है। फिलहाल, गुजरात से खतरा टल गया है। लेकिन इससे पहले इसका भयंकर रूप सामने आया है। मुंबई से 175 किमी दूर हीरा ऑयल फील्ड के पास तूफान में 4 जहाज फंसे हुए हैं। इनमें 710 लोग सवार हैं। बार्ज-P305 पर 273 लोग सवार थे, जिनमें से 177 का रेस्क्यू किया जा चुका है। बार्ज गाल कंस्ट्रक्टर पर 137 लोग सवार थे, जिनमें से 38 लोगों को रेस्क्यू हो चुका है। बार्ज-SS-3 पर 196, जबकि सागर भूषण पर 101 लोग फंसे हुए हैं। इनके लिए रेस्क्यू जारी है। यानी इन चारों जहाजों पर 710 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें से 215 का रेस्क्यू किया गया है। लोगों को बचाने नेवी ने INS कोच्चि और INS तलवार को तैनात किया है। दूसरे जहाज को समुद्र से निकालने INS कोलकाता को लगाया है। 

जानिए तूफान का ताजा अपडेट

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तूफान ने महाराष्ट्र में भारी तबाही मचाई है। बर्बादी के निशां 6,349 से ज्यादा गांवों में देखे जा सकते हैं। अलग-अलग हादसों में 11 लोगों की मौत हुई है। इनमें 4 रायगढ़ जिले से, रत्नागिरी और ठाणे से 2-2, सिंधुदुर्ग और धुले से 1-1 व्यक्ति शामिल है। मुंबई के मीरा रोड इलाके में भी एक व्यक्त की मौत हुई।

अगर नुकसान का आकलन करें, तो सिर्फ सिंधुदुर्ग जिले में 5.77 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हाने की आशंका है। मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और रत्नागिरी जिले में भारी नुकसान हुआ। मुंबई में 479 स्थानों पर पेड़ गिरने की खबर है। 60 से अधिक जगहों पर ट्रैफिक जाम हुआ। कई जगहों पर बिजली भी प्रभावित भी हुई।

अहमदाबाद मौसम विभाग की प्रभारी निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि अभी यह भीषण चक्रवाती तूफान है, लेकिन चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। यह अहमदाबाद से 50-60 किमी पश्चिम में जाएगा। हवा की गति 45-55 किमी/घंटा से 65 किमी/घंटा होगी। इससे अहमदाबाद और कुछ अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना। 

अहमदाबाद के कलेक्टर संदीप सागले ने बताया-यहां 4,600 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है, खासकर कच्चे मकानों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया गया है।

तूफान मुंबई और गुजरात में भारी तबाही के बाद हिमालय की ओर बढ़ रहा है। लेकिन अब यह कमजोर पड़ गया है। अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान सोमवार रात गुजरात पहुंचा। अब यह राजस्थान से होते हुए हिमालय की ओर बढ़ेगा। हालांकि अब यह कमजोर पड़ गया है। फिर भी इसके असर से यूपी सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का असर 20 मई तक रहेगा। तूफान के कारण सौराष्ट्र के 21 जिलों में जबर्दस्त बारिश हो रही है। हवाओं की गति 150 किमी प्रति घंटा बनी हुई है। आज राजस्थान पहुंचते-पहुंचते यह कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा। यानी इसका असर कम हो जाएगा। 

मौसम विभाग ने मंगलवार को राजस्थान के जोधपुर और उदयपुर संभाग में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, डूंगरपुर, बांसवाड़ा आदि में NDRF की टीमें तैनात हैं। पिछले 23 साल में यह तूफान सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है। इससे पहले 9 जून, 1988 को गुजरात में ऐसा ही तूफान आया था। तब 1173 लोगों की मौत हुई थी। सोमवार को अकेले महाराष्ट्र में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं, कर्नाटक में भी 8 की जान चली गई। गुजरात के अमरेली में तूफान के कारण अमरेली में काफी नुकसान की खबर है। इस बीच तटीय इलाकों से हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। सोमनाथ के पास समुद्र में कई नावें फंस गईं। उन्हें निकालने रेस्क्यू किया गया।

जानें ताज अपडेट

NDRF के डीजी  एसएन प्रधान ने बताया-गुजरात की स्थिति अब खतरे से बाहर है। हवा की गति कम हो चुकी है और बारिश भी थोड़ी कम हो चुकी है और शाम तक ये डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा।राजस्थान में थोड़ी बारिश होगी लेकिन खतरा उतना नहीं है। स्थिति अब नियंत्रण में है। हालांकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बताया-तूफान तौकते से 3 लोगों की मौत हुई है। राज्य में लगभग 40,000 पेड़ गिर गए हैं और 16,500 झोपड़ियां प्रभावित हुई हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात प्रभावित राज्यों-राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली के प्रशासकों से स्थिति और केंद्र सरकार से मदद की आवश्यक के बारे में जानकारी लेने के लिए बात की। 

NDRF गांधीनगर के डिप्टी कमांडेंट रणविजय कुमार सिंह ने बताया-ऊना और अमरेली के इलाकों में हवा की रफ़्तार बहुत ज़्यादा थी इसलिए काफी सड़कें ब्लॉक हो गई हैं। ज़िला प्रशासन और NDRF की टीम नुकसान का जायज़ा ले रही हैं और मदद कर रही हैं।

महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे और अन्य तटीय इलाकों में तूफान का बड़ा असर दिखाई दिया। अभी भी रायगढ़ जिल में रेड अलर्ट, जबकि मुंबई, ठाणे और पालघर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। रेड अलर्ट में 20 सेमी, जबकि ऑरेंज अलर्ट में 6-20 सेमी बारिश होने का अनुमान है। हालांकि बीती रात गुजरात से 60 किमी पहले दीव में लैंडफॉल हुआ।

तूफान का असर कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और गोवा के बाद अब गुजरात पर बना हुआ है। तूफानी हवाओं के कारण बिजली के खंभे और पेड़ उखड़ गए हैं। तटीय इलाकों में लैंडफॉल हो रहा है। तूफान गिर सोमनाथ, अमरेली, जूनागढ़, पोरबंदर और भावनगर पर अधिक असर डालेगा। वहीं, जामनगर, राजकोट, आनंद, भरूच और धोलेरा में भी असर होगा। राज्य में बचाव और राहत के लिए NDRF की 44 टीमें मुस्तैद हैं। ये 20 संभावित प्रभावित जिलों में तैनात हैं। 14 जिलों में अलर्ट है।

 

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