राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले चुने गए हैं। बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में चल रहे प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन शनिवार को नए सरकार्यवाह का चुनाव किया गया। संघ की प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से अगले तीन सालों के लिए दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुन लिया। उससे पहले वो सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे।
बैंगलुरु. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले चुने गए हैं। बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में चल रहे प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन शनिवार को नए सरकार्यवाह का चुनाव किया गया। संघ की प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से अगले तीन सालों के लिए दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुन लिया। उससे पहले वो सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे।
RSS की नेशनल टीम - 2021
सरसंघचालक - डॉक्टर मोहन भागवत
सरकार्यवाह - दत्तात्रेय होसबाले
सह सरकार्यवाह
डॉक्टर मनमोहन वैद्य
कृष्ण गोपाल
सीआर मुकुंद
अरुण कुमार
राम दत्त चक्रधर
शारीरिक प्रमुख
सुनील कुलकर्णी
सह शारीरिक प्रमुख
जगदीश प्रसाद
बौद्धिक प्रमुख
स्वांत रंजन
सह बौद्धिक प्रमुख
सुनील भाई मेहता
सेवा प्रमुख
पराग अभ्यंकर
सह सेवा प्रमुख
राजकुमार मथले
संपर्क प्रमुख
रामलाल
सह संपर्क प्रमुख
रमेश पप्पा
सुनील देशपांडे
प्रचार प्रमुख
सुनील अम्बेकर
सह प्रचार प्रमुख
नरेंद्र ठाकुर
आलोक कुमार
कर्नाटक में हुआ दत्तात्रेय होसबाले का जन्म
दत्तात्रेय होसबाले को दत्ता जी के नाम से भी जाने जाते हैं। कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा में जन्म हुआ। दत्तात्रेय होसबाले 1968 में आरएसएस और फिर 1972 में छात्र संगठन एबीपीवी में शामिल हुए। वे 1978 में एबीवीपी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने। अगले 15 सालों तक ये परिषद के संगठन महामंत्री रहे।
अंग्रेजी साहित्य में मास्टर की डिग्री हासिल की
दत्तात्रेय होसबाले की स्कूली शिक्षा उनके जन्म स्थान सोराबा में ही हुई। अपनी कॉलेज की पढ़ाई के लिए वे बेंगलुरु चले गए और प्रसिद्ध नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। बाद में मैसूरु विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर की डिग्री हासिल की। एक छात्र के रूप में वे साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय थे। कर्नाटक के लगभग सभी लेखकों और पत्रकारों के साथ उनकी दोस्ती थी।
लोकतंत्र स्थापित करने के लिए लड़ाई लड़ी, जेल गए
होसबाले ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र को बहाल करने की लड़ाई लड़ी। इस दौरान उन्हें एक साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया। उन्होंने गुवाहाटी, असम, विश्व छात्र संगठन और युवा (WOSY) में युवा विकास केंद्र स्थापित करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
5 भाषाओं के जानकार हैं दत्तात्रेय होसबाले
दत्तात्रेय कन्नड़ मासिक असीमा (Aseema) के संस्थापक संपादक थे। वह साल 2004 में साह-बौद्धिक प्रमुख (आरएसएस के बौद्धिक विंग की दूसरी कमान) बनाए गए। दत्तात्रेय कन्नड़, हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और संस्कृत में निपुण हैं। दत्तात्रेय ने दुनिया में कई जगहों की यात्रा की है। वे संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में हिंदू स्वयंसेवक संघ की संगठनात्मक गतिविधियों के संरक्षक भी रहे हैं।