बीजिंग विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन और समापन का प्रसारण नहीं करेगा DD Sports, भारतीय राजदूत भी नहीं जाएंगे

चीन इस आयोजन को राजनीति से दूर रखने का वादा निभाने में नाकाम रहा है। चीन ने इस आयोजन यानी विंटर टॉर्च ओलंपिक रिले(Winter Olympics Torch Relay) का एक मशाल वाहक(torchbearer) उस सैन्य अधिकारी को भी बनाया गया, जो गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह घायल हुआ था। 

नई दिल्ली। दूरदर्शन 4 फरवरी से शुरू हो रहे बीजिंग विंटर अेलिंपिक का (Beijing Winter Olympics) का लाइव टेलीकास्ट नहीं करेगा। प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है। 

ओलिंपिक में भी राजनीति कर रहा चीन
दरअसल, चीन इस आयोजन को राजनीति से दूर रखने का वादा निभाने में नाकाम रहा है। चीन ने इस आयोजन यानी विंटर टॉर्च ओलंपिक रिले(Winter Olympics Torch Relay) का एक मशाल वाहक(torchbearer) उस सैन्य अधिकारी को भी बनाया गया, जो गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह घायल हुआ था। चीनी मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स(Chinese government mouthpiece, the Global Time) के अनुसार, इसमें पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ(Chinas PLA regiment commander Lt Col Qi Fabao) ने 4 बार के शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्कैटिंग चैम्पियन वांग मेंग(Wang Meng) से टॉर्च ली। इस फैसले के बाद विदेश मंत्रालय ने इस आयोजन का बायकाट करने की बात कही थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन में उनके राजदूत भी इस आयोजन में शामिल नहीं होंगे।

 

जून 2020 में हुई थी गलवान घाटी में झड़प
15 जून 2020 की रात लद्दाख की बर्फीली गलवान नदी के किनारे भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी। इसमें पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ(PLA commander Lt Col Qi Fabao) के सिर में गंभीर चोट आई थी। वह कई महीने अस्पताल में भर्ती रहा था। इस हिंसक झड़प में चीन के 40 सैनिकों की मौत हुई, लेकिन चीन ने इसका कभी खुलासा नहीं किया।

करीब 1800 मशाल वाहक( torchbearers)
इस आयोजन में करीब 1800 मशाल वाहक हैं। इनमें 1200 शीतकालीन ओलंपिक खेल (Winter Olympic Games) और 600 पैरालंपिक गेम्स (Paralympic Games) के लिए हैं। इनमें सबसे उम्रदराज 86 साल और सबसे कम उम्र का मशालवाहक 14 साल का है। रिले 2 फरवरी से शुरू हुई, जो तीन प्रतियोगिता क्षेत्रों में 4 फरवरी को समाप्त होगी। मशाल यात्रा पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी। 
  
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