केरल हाईकोर्ट(Kerala High Court) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर हटाने लगाई गई याचिक खारिज कर दी। साथ ही याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिकाएं सिर्फ फेम के लिए लगाई जाती हैं।
नई दिल्ली. बेवजह कोर्ट का समय खराब करना एक याचिकाकर्ता को महंगा पड़ गया। केरल हाईकोर्ट(Kerala High Court) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की तस्वीर हटाने लगाई गई याचिक खारिज कर दी। साथ ही याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
हाईकोर्ट ने कहा-सिर्फ फेम के लिए दायर की गई याचिका
केरल सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी याचिका सिर्फ फेम(प्रसिद्धि) के लिए दायर की गई थी। इसका लोगों की भलाई से कोई मतलब नहीं है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना ठोंकते हुए नाराजगी जताई कि इस याचिका की कोई जरूरत नहीं थी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अगले 6 महीने के अंदर जुर्माना की राशि जमा करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि उसके पास और भी जरूरी मामले हैं, ऐसी याचिकाओं को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है।
याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार
याचिकाकर्ता पीटर मायलीपरम्बिली (Peter Myaliparambil) कोट्टायम के रहने वाले हैं। उन्होंने याचिका में सवाल उठाया था कि जब लोग वैक्सीन के पैसे दे रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में भी टीके लगवा रहे हैं, तो वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो किसलिए? याचिकाकर्ता ने इसे मौलिक अधिकारों को उल्लंघन बताया था7 हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी एक दलील नहीं सुनी। जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन(PV Kunhikrishnan) ने कहा कि पीएम सभी की वजह से सत्ता में आए हैं। वे सभी के होते हैं। अगर आपकी राजनीति सोच उनसे मेल नहीं खाती, तो आप उसे चुनौती नहीं दे सकते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जब 100 करोड़ लोगों को दिक्कत नहीं है, तो आपको क्या तकलीफ? सबके विचार अलग-अलग हो सकते हैं, फिर भी वे सभी के प्रधानमंत्री हैं।
विपक्ष को भी रही है आपत्ति
विपक्ष भी वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर आपत्ति जताता रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय में एक मीडिया हाउस ने RTI लगाई थी। 10 जून, 2021 को इसका जवाब आया था। इसमें कहा गया कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर जाएगी, यह केंद्र सरकार ने तय किया था। यह फैसला कोरोना वैक्सीनेशन से पहले ही ले लिया गया था। इसी मामले में एक अन्य RTI भी लगाई गई थी। इसका 18 अगस्त, 2021 को जवाब आया था। इसमें कहा गया था कि किसी सर्टिफिकेट पर किसकी तस्वीर लगनी है, यह निर्णय सबंधित विभाग लेता है।
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