Farmers Protest : राकेश टिकैत बोले टाइम बताओ, किसानों के मुकदमे कब वापस होंगे, आंदोलन खत्म करने का फैसला कल

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक में बताया गया कि सरकार को सवाल भेजे गए हैं। कल तक जो उत्तर आएगा उसपर चर्चा की जाएगी। आंदोलन वापसी पर क्या निर्णय हुआ, इस सवाल पर किसान नेता कुलवंत सिंह संधू का कहना है कि इसका फैसला बुधवार को लिया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2021 12:33 PM IST / Updated: Dec 07 2021, 07:04 PM IST

नई दिल्ली। पिछले एक साल से जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) खत्म करने और अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की एक बैठक हुई। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि 5 सदस्यीय कमेटी की हत्वपूर्ण बैठक में सरकार की तरफ से प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई। कुछ साथियों को प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण चाहिए था। उनके मुद्दों को सरकार के पास भेजा जाएगा। उम्मीद है कि कल तक सरकार की तरफ से जवाब मिल जाएगा। उसपर कल 2 बजे फिर से बैठक होगी। सरकार की तरफ से जो भी उत्तर आएगा उसपर चर्चा की जाएगी। आंदोलन वापसी पर क्या निर्णय हुआ, इस सवाल पर किसान नेता कुलवंत सिंह संधू का कहना है कि इसका फैसला बुधवार को लिया जाएगा। केंद्र की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर अभी पूरी तरह  सहमति नहीं बनी है। समिति सिंघु बॉर्डर पर चल रही बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्ण निकाय के साथ मसौदा साझा कर रही है। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि सारी बातें मान ली जाएंगी, आप उठ जाइए। MSP पर कमेटी बनाएंगे। लेकिन अब तक कुछ स्पष्ट नहीं है। कल 2 बजे फिर से चर्चा होगी। केस वापसी को लेकर प्रस्ताव है कि केस वापस ले लिए जाएंगे, आप उठ जाइए। लेकिन चिट्ठी पर कौन विश्वास करेगा? टाइम बताएं कि मांगें कब मानी जाएंगी।

सरकार ने कहा- पहले आंदोलन खत्म करें तब हटाएंगे मुकदमे 
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में नेताओं ने कहा कि केस वापस लेने की बात  पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने की शुरुआत होगी। हरियाणा में 48,000 लोगों पर मामले दर्ज हैं। देशभर में और भी मामले दर्ज हैं। सरकार को तुरंत मामले वापस लेने की शुरुआत करनी चाहिए।

अजय मिश्रा टेनी को हटाने पर अभी संशय
गौरतलब है कि किसान सरकार से एक साल के भीतर किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, इस मसौदे में पंजाब मॉडल पर मुआवजा देने की बात भी है। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा और उसके पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने के अलावा बिजली बिल को लेकर कोई सकारात्मक बात नहीं हुई है। हालांकि, किसानों के मुकदमे पर गृह मंत्रालय गंभीर है। उसने पहले ही राज्यों को इस संबंध में पत्र भेजे हैं। 

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सरकार ने मांगे थे पांच नाम 
तीन कृषि कानून निरस्त करने के बाद सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए पांच नाम मांगे थे। इसके बाद मानासंयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पांच लोगों की कमेटी बनाई। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार बातचीत के लिए बुलाती है तो किसान संगठनों की ओर से यही 5 सदस्य जाएंगे। इस समिति में इसमें उत्तर प्रदेश के युद्धवीर सिंह के अलावा मध्य प्रदेश से शिव कुमार कक्का, पंजाब से बलवीर राजेवाल, महाराष्ट्र से अशोक धावले और हरियाणा से गुरनाम सिंह चढ़ूनी का नाम शामिल है।

किसानों की प्रमुख मांगें 
- MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए।
- किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए।  
- बिजली बिल और पराली बिल को निरस्त किया जाए। 
- लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए।
- आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले। 

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