ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गए NRC बुल के लगभग उल्टा कर के भेज दिया है। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल में पिछले 47 सालों से रह रहे सभी लोगों को ठीक वही अधिकार मिलंगे जो भारत के आम नागरिक को मिलते हैं।
ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गए NRC बुल के लगभग उल्टा कर के भेज दिया है। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल में पिछले 47 सालों से रह रहे सभी लोगों को ठीक वही अधिकार मिलंगे जो भारत के आम नागरिक को मिलते हैं। ममता का यह बिल कई मायनों में आपत्तिजनक है। भारत में रहने वाले आम लोगों को रहने के लिए जमीन खरीदनी पड़ती है या उसे किराये पर लेना पड़ता है, पर लालची नेताओं ने बाहर से आए लोगों को यह जमीन सिर्फ अपने वोट बैंक बचाने के लिए दे दी। और यहीं से तुष्टिकरण की शुरुआत होती है। ये नेता कुछ भी नहीं करना चाहते और हर चीज इन्हें फ्री में मिलती है। ममता बनर्जी का यह NRC बिल आम भारतीयों के साथ अन्याय हैं।
ममता का यह बिल अमित शाह के NRC लगाने वाले फैसले का बदला प्रतीत होता है। बंगाल में ममता बनर्जी जिन लोगों को शरण देना चाह रही हैं, उनमें से अधिकतर लोग आपराधिक प्रवत्ति वाले हैं। ये लोग गैरकानूनी धंधे में लगे रहते हैं। आप्रवासी होना अपने आप में उन्हें अपराधी बनाता है। इसी वजह से उन्हें कोई दूसरा अपराध करने में भी कोई संकोच नहीं होता है। इन लोगों ने रेप, मर्डर, चोरी और शरीर के हिस्सों का व्यापार करने जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दिया है। आप्रवासी आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहते हैं। इसी के चलते देश के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी जनादेश दिया ताकि सरकार देश को ऐसे आपराधिक तत्वों से बचा सके, पर सरकार इस दिशा में कोई सही कदम उठा पाती इससे पहले ही आप्रावासी लोगों को ममता बनर्जी ने सामान्य नागरिक घोषित कर दिया है। इसके साथ ही इन्हें रणनीतिक भूमि जैसे रेल्वे और बंदरगाह भी दे दी गई है, जो कि सुरक्षा के नजरिए से बहुत ही घातक है।
नागरिकता में फेरबदल का अधिकार पूरी तरह से गृह मंत्रालय के आधीन होता है और इस मामले के फैसले में कोई दूसरा विभाग हस्तक्षेप नहीं कर सकता। ममता बनर्जी का यह कदम एक राजनीतिक नौटंकी के अलावा कुछ भी नहीं है। ममता सिर्फ और सिर्फ वोट पाने के लिए ऐसा कर रही हैं। ये आप्रावासी लोग हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा बोध हैं और हमें इकी मांगों को स्वीकार नहीं करना चाहिए। ममता का यह निर्य असंवैधानिक है और न्यायालय को हर हाल में इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। ममता का यह निर्णय देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। मुझे आशा है कि यह खतरा सभी को महसूस हो रहा है। जय हिंद
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।