लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर पिछले कई दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। इसकी वजह उनके द्वारा किया गया कोई विकास का कार्य नहीं है, बल्कि उनके विवादित बयान हैं। भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली साध्वी प्रज्ञा एक सांसद के रूप में अपनी सभी जिम्मेदारियों से अंजान हैं। उन पर मालेगांव ब्लास्ट केस में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप भी लगे थे, पर सबूतों की कमी के चलते प्रज्ञा को जमानत मिल गई।
लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर पिछले कई दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। इसकी वजह उनके द्वारा किया गया कोई विकास का कार्य नहीं है, बल्कि उनके विवादित बयान हैं। भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली साध्वी प्रज्ञा एक सांसद के रूप में अपनी सभी जिम्मेदारियों से अंजान हैं। उन पर मालेगांव ब्लास्ट केस में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप भी लगे थे, पर सबूतों की कमी के चलते प्रज्ञा को जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद उन्होंने भाजपा के टिकट पर भोपाल से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को 3.64 लाख वोट के भारी मतों से पराजित किया। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साध्वी प्रज्ञा को चेतावनी भी दे चुके हैं, पर यह सांसद है कि मानने को तैयार नहीं है। प्रज्ञा लगातार संवेदनशील मुद्दों पर विवादास्पद बयान देती रहती हैं।
प्रज्ञा ठाकुर ने अपना आखिरी विवादित बयान बुधवार को संसद में दिया था। संसद में बहस के दौरान उन्होंने A राजा की स्पीच रोक दी। A राजा ने अपने भाषण में नाथूराम गोडसे के उस बयान का जिक्र किया था, जिसमें गोडसे ने बताया था कि उसने गांधी की हत्या क्यों की थी। इस मामले पर साध्वी प्रज्ञा का कहना था कि A राजा को अपने भाषण में इस देशभक्त का नाम नहीं लाना चाहिए। यह कोई पहला मामला नहीं था, जब साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा हो। प्रज्ञा ने इसी साल मई के महीने में भी गोडसे को देशभक्त बताया था, उस समय देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि वो साध्वी प्रज्ञा को कभी भी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे। हालांकि संसद में हुई घटना के बाद साध्वी प्रज्ञा को स्थायी रक्षा समिति से बाहर कर दिया गया है और वो इस घटना को लेकर दो बार संसद में माफी भी मांग चुकी हैं।
साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयानों की सूची यहीं नहीं खत्म होती है। इससे पहले साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि शायद कांग्रेस पार्टी ने कोई काला जादू करवा दिया है, जिसकी वजह से लगातार भाजपा के नेताओं की मौतें हो रही हैं। इस बयान के बाद प्रज्ञा को कोई भी बयान ना देने का आदेश मिला था। प्रज्ञा मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरे को लेकर भी विवादित बयान दे चुकी हैं। प्रज्ञा ने कहा था कि हेमंत करकरे ने उन्हें पूछताछ के दौरान प्रताड़ित किया था और उनके श्राप की वजह से ही 26/11 हमले में उनकी मौत हुई थी। प्रज्ञा के विवादित बयानों की सूची तो कभी भी खत्म नहीं होती, पर अगर एक सांसद के रूप में उनके काम पर नजर डाली जाए तो प्रज्ञा ने संसद में अब तक के सभी सत्रों में हिस्सा लिया है, पर अब तक एक भी सवाल नहीं पूछ पाई हैं। इन बातों के बावजूद हम उम्मीद करते हैं कि प्रज्ञा उन सभी बतों पर खरी उतरेंगी जिनके लिए भोपाल की जनता ने उन्हें अपना सांसद चुना है।
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।