जब से भारत ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया है, तभी से भारत और चीन के रिश्तों में गरमाहट आई हुई हैं। पिछले सप्ताह की शुरुआत में ही भारत और चीन के सैनिक लद्दाख बॉर्डर में आपस में उलझ गए थे।
जब से भारत ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया है, तभी से भारत और चीन के रिश्तों में गरमाहट आई हुई हैं। पिछले सप्ताह की शुरुआत में ही भारत और चीन के सैनिक लद्दाख बॉर्डर में आपस में उलझ गए थे। भारतीय सैनिक पांगोंग झील के उत्तरी इलाके में गश्त लगा रहे थे, तभी चीनी सैनिकों ने इलाके में उनकी मौजूदगी पर आपत्ति दर्ज कराई। जिसके बाद दोनो देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। साल में इस तरह की यह पहली घटना थी। हालांकि इस घटना के बाद दोनो देशों के सैनिक अपने-अपने ठिकानों में वापस लौट गए। जुलाई 2018 के बाद यह इस तरह की पहली घटना थी।
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इस मुद्दे पर सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये सब कुछ प्रधानमंत्री मोदी के चीन दौरे से सिर्फ एक महीने पहले हुआ है। पिछले साल भी जब प्रधानमंत्री ने चीन का दौरा किया था, तब भी चीन ने 28 बार सीमा के नियमों का उल्लंघन किया था।
हालांकि चीन के साथ लगा भारतीय सीमा का अधिकतर इलाका ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है और वहां आबादी भी न के ही बराबर है, पर कूटनीतिक तरीके से हम ऐसा नहीं कह सकते हैं। जब से भारत ने लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित किया है। चीन और भारत के रिश्तों में तल्खी आ गई है। दोनो देशों ने जमकर एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की है, जिसमें चीन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया है। जिसके बाद यह महसूस किया गया कि "संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सावधानी के साथ काम करना चाहिए, खासकर उन कार्यों से बचने की कोशिश करनी चाहिए, जो एकतरफा स्थिति को बदलते हैं और तनाव को बढ़ाते हैं।"
Abhinav Khare
हालांकि भारत ने स्पष्ट किया कि कश्मीर हमेशा से भारत का आंतरिक मामला रहा है और आगे भी रहेगा। साथ ही चीन को भारत ने पहले खुद के मुद्दों को सुलझाने की नसीहत भी दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने एक बयान में लद्दाख के केन्द्रशासित प्रदेश बनने पर आपत्ति जताई है और कहा कि लद्दाख चीन से संबंधित हिस्सा है इसलिए भारत को सीमा से जुड़े मुद्दों पर कोई कदम उठाने से पहले या बयान देते समय सतर्क रहना चाहिए। दोनों पक्षों को समझौते के नियमों का पालन करना चाहिए ताकि सीमा से संबंधित कोई और समस्या न आए।
भारत सीमा का 3488 किलोमीटर लंबा इलाका चीन की सीमा के साथ मिलता है, जहां कई बार युद्ध और तनाव जैसे हालात बन चुके हैं। 1962 में हुआ युद्ध भी इनका हिस्सा रहा है। हलांकि इसके बाद दोनो देशों ने अपने रिश्तों को लेकर सतर्कता बरती है और खासकर 2017 में हुए डोकलाम विवाद के बाद दोनो पक्षों ने रिश्तों में सुधार पर जोर दिया है।
कौन हैं अभिनव खरे
अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।