
DeepSeek Vs OpenAI model: AI की दुनिया में चीन की स्टार्टअप DeepSeek ने हलचल मचा दी है। मात्र 6 मिलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ रुपये) की लागत और दो महीने की मेहनत में तैयार इसका AI मॉडल दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी DeepSeek की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि DeepSeek ने भारत के 'IndiaAI मिशन' को प्रेरित किया है।
मंगलवार को ओडिशा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा: कुछ लोग सवाल करते हैं कि सरकार ने AI मिशन के लिए इतनी रकम क्यों दी? आपने DeepSeek को देखा? सिर्फ 5.5 मिलियन डॉलर में बहुत ही शक्तिशाली मॉडल बना दिया। असली ताकत है दिमाग के इस्तेमाल में।
दरअसल, चीन के बहाने केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन को घेरा है। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन कुछ दिनों पहले भारत में 10 मिलियन डॉलर के बजट में बड़े स्तर का AI मॉडल बनाने की संभावना को 'निराशाजनक' बताया था।
सैम ऑल्टमैन ने पिछले साल भारत दौरे पर कहा था: हम आपको बताएंगे कि हमारे जैसे फाउंडेशन मॉडल बनाना आपके लिए असंभव है, कोशिश भी मत करो। आपकी जिम्मेदारी है कि फिर भी कोशिश करें। मैं दोनों बातों पर विश्वास करता हूं।
उधर, चीन के DeepSeek ने कम खर्च में बड़े मॉडल का उदाहरण पेश किया है तो ऑल्टमैन के बयान पर दोबारा बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर कई लोग उनके पुराने बयान की याद दिला रहे हैं और DeepSeek की सफलता को AI क्षेत्र में नया मोड़ बता रहे हैं।
भारत सरकार ने मार्च 2024 में 1.25 अरब डॉलर (10,375 करोड़ रुपये) के 'IndiaAI मिशन' की घोषणा की थी। इसमें AI स्टार्टअप्स को फंडिंग देने और देश के लिए अपनी खुद की AI इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर जोर दिया गया था। DeepSeek के AI मॉडल ने यह दिखा दिया है कि कम लागत में भी मजबूत AI सिस्टम बनाया जा सकता है जो तकनीकी निवेश को लेकर पूरी दुनिया में नए विचार पैदा कर रहा है।
सैम ऑल्टमैन अगले हफ्ते यानी 5 फरवरी को फिर भारत आ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार उनकी कंपनी OpenAI भारत में डिजिटल न्यूज और बुक पब्लिशर्स से कॉपीराइट उल्लंघन के मामलों को लेकर कानूनी विवाद में फंसी हुई है।
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