रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज महत्वपूर्ण ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर की पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए एमओडी 101 से अधिक वस्तुओं पर आयाज एम्बार्गों पेश करेगा।
नई दिल्ली. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज महत्वपूर्ण ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर की पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए एमओडी 101 से अधिक वस्तुओं पर आयाज एम्बार्गों पेश करेगा। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पीएम मोदी के आह्वान पर लिया गया फैसला
रक्षा मंत्री के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर किया गया है। इस फैसले से भारत के रक्षा उद्योग को बड़े पैमाने पर उत्पादन का अवसर मिलेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को निगेटिव लिस्ट में शामिल आइटम्स के निर्माण का अवसर मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि सभी स्टेकहोल्डर्स से विचार विमर्श के बाद प्रोडक्ट यानी रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाई जाएगी। अभी जो फैसले किए गए हैं, वो 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू किए जाएंगे। 101 उत्पादों की लिस्ट में आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स (AFVs) भी शामिल किए गए हैं।
साढ़े तीन लाख करोड़ के दिए गए थे ठेके
राजनाथ सिंह ने बताया कि इस लिस्ट को रक्षा मंत्रालय ने सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे कि सशस्त्र बलों, निजी और सरकारी उद्योगों से विचार विमर्श के बाद तैयार किया है। बातचीत के दौरान भारत में गोला-बारूद और विभिन्न रक्षा उपकरणों के निर्माण को लेकर भारतीय उद्योग की मौजूदा और भविष्य की क्षमताओं का आकलन भी किया गया। अपने सिलसिलेवार ट्वीट में राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे उत्पादों की तकरीबन 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के ठेके दिए थे। अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए जाएंगे।
इन पार्ट्स को राजनाथ सिंह ने किया शामिल
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस लिस्ट में न केवल कुछ पार्ट्स शामिल हैं, बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार मसलन असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, LCH, रडार और कई अन्य चीजें शामिल हैं। बहरहाल, लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षा मंत्री के इस ऐलान को काफी अहम माना जा रहा है।
इससे पहले, मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार 9 अगस्त की सुबह 10 बजे एक महत्वपूर्ण ऐलान करेंगे। फिलहाल, कयास लगाए जा रहे थे कि रक्षा मंत्री चीन से आयात को लेकर निगेटिव सूची के संदर्भ में कोई ऐलान कर सकते हैं। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही एक नेगेटिव आर्म्स लिस्ट लेकर आने वाला है। इसके तहत कुछ हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। माना ये भी जा रहा है कि हथियारों के प्रोडक्शन को लेकर घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ने पर हर साल इसका विस्तार किया जाना चाहिए।
भारत-चीन के बीच तनाव जारी रहने की संभावना
बता दें, रक्षा मंत्रालय ने चीन के साथ गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने की संभावना जताई थी। क्योंकि, भारत और चीन के बीच एलएससी पर पैंगोंग झील को लेकर बातचीत के बावजूद अभी कोई हल नहीं निकल पाया है। इसकी वजह से डिसएंगेजमेंट को लेकर चल रही चर्चा में गतिरोध जारी है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए कहा था कि डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया अटक गई है। रक्षा मंत्रालय ने पहली बार चीनी घुसपैठ को अतिक्रमण के रूप में स्वीकार करते हुए आधिकारिक रूप से जानकारी वेबसाइट पर डाली थी। हालांकि, राजनीतिक तौर पर विवाद बढ़ने के बाद गुरुवार को वेबसाइट से इस रिपोर्ट को अब हटा लिया गया।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले लद्दाख दौरे के दौरान लुकुंग में गलवान के उन जांबाज सैनिकों से मिले थे, जो चीन के साथ हिंसक झड़प में घायल हो गए थे। इन सैनिकों में कई अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और अपनी ड्यूटी पर लौट गए हैं।