अयोध्या में बाबर के नाम पर नहीं बनेगी मस्जिद, सीएम योगी को नीव रखने के लिए किया जाएगा आमंत्रित

5 अगस्त का दिन देशभर के लोगों के लिए ऐताहासिक दिन था। इस दिन पीएम मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। इस शुभ घड़ी के दिन देशवासियों ने घर-घर में दीप जलाया था। वहीं, अब मस्जिद के लिए कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर भी मस्जिद बनाने की तैयारी हो रही है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 9, 2020 4:48 AM IST

अयोध्या. 5 अगस्त का दिन देशभर के लोगों के लिए ऐताहासिक दिन था। इस दिन पीएम मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। इस शुभ घड़ी के दिन देशवासियों ने घर-घर में दीप जलाया था। वहीं, अब मस्जिद के लिए कोर्ट द्वारा दी गई जमीन पर भी मस्जिद बनाने की तैयारी हो रही है। बताया जा रहा है कि इसकी नीव रखने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाया जाएगा। इसके साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने साफ किया है कि अयोध्या में दी गई जमीन पर बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद के नाम पर नहीं होगा।

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता ने कही ये बात 

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि 'मस्जिद निर्माण में शिलान्यास के कार्यक्रम की इस्लाम में इजाजत नहीं है। सिर्फ नींव खोद कर मस्जिद की शुरुआत होती है, लेकिन इस जमीन पर जब अस्पताल या फिर ट्रस्ट के भवन की नींव रखी जाएगी तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा। बता दें कि हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मस्जिद के शिलान्यास के कार्यक्रम में उन्हें न तो कोई बुलाएगा और न ही वह जाएंगे।

बाबर के नाम पर मस्जिद बनाए जाने की थी चर्चा 

पिछले 2 दिनों से सोशल मीडिया में यह चर्चा लगातार चल रही थी कि अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर होगा, जिसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने खारिज कर दिया और इसे अफवाह बताया है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाल ही में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का निर्माण किया है, जो अयोध्या में मस्जिद और उसके साथ-साथ अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर और कम्युनिटी किचन बनाएगा। साथ ही वहां इस्लामिक मामलों पर एक रिसर्च सेंटर भी होगा।
 

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