रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मनाली-लेह मार्ग समेत 44 पुलों का वर्चुअली किया उद्घाटन, BRO ने बनाए हैं सभी पुल

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence minister rajnath singh) ने सोमवार को देश की सीमा से लगे सात अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बने 44 नवनिर्मित पुलों का उद्घाटन किया है। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने तवांग के नेचिपु सुरंग में फाउंडेशन स्टोन को  बिछाने का उद्घाटन किया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2020 4:03 PM IST / Updated: Oct 12 2020, 11:50 AM IST

मनाली. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence minister rajnath singh) ने सोमवार को देश की सीमा से लगे सात अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 286 करोड़ की लागत से बने 44 नवनिर्मित पुलों का उद्घाटन किया है। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने तवांग के नेचिपु सुरंग में फाउंडेशन स्टोन की आधारशिला भी रखी है। 44 में से 10 पुल जम्मू-कश्मीर में और तीन पुल हिमाचल प्रदेश में बनाए गए हैं। ये सभी स्थायी ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (Border road organization) ने बनाकर तैयार किए हैं। रणनीतिक महत्व से बने इन पुलों के निर्माण से सुरक्षा बलों को हथियारों और उनके आवागमन में मदद मिलेगी। 

विकास के नए युग की शुरूआत- राजनाथ सिंह

उद्घाटन के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि एक साथ इतनी संख्या में पुलों का उद्घाटन और टनल का शिलान्यास, अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित ये पुल कनेक्टिविटी और विकास के एक नये युग की शुरूआत करेंगे । पहले पाकिस्तान और अब चीन के द्वारा भी, मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7 हज़ार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां किसी ने किसी सेक्टर में आए दिन तनाव बना रहता है।

कहां बने हैं ये पुल?

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मनाली-लेह मार्ग के दारचा में भागा नदी पर, अटल टनल के नार्थ पोर्टल में चंद्रा नदी पर और मनाली के पलचान में ब्यास नदी पर भव्य पुल बनकर तैयार हुए हैं। 44 पुलों में से 10 पुल जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में 7 पुल लद्दाख (Ladakh) में और 3 पुल हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बनाए गए हैं। जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के अलावा ये पुल अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और पंजाब में बनाए गए हैं। 

इस सभी पुलों का निर्माण देश की नामी कंपनी गर्ग एंड गर्ग ने सीमा सड़क संगठन के मार्गदर्शन में किया है। गर्ग एंड गर्ग कंपनी के मैनेजर प्यारे लाल शर्मा ने बताया चंद्रा नदी पर पुल बनाने में उन्हें खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सीमा सड़क संगठन दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर एमएस बाघी ने बताया इन पुलों के निर्माण से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली लेह मार्ग का सफर और अधिक सुगम हो गया है। 

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं पुल

मनाली लेह मार्ग सबसे लंबा दारचा में भागा नदी पर बनाया गया है, इसकी लंबाई 360 मीटर है। हजार फीट की ऊंचाई पर इस पुल का निर्माण किया गया है जो रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। लाहुल को कुल्‍लू घाटी से जोड़ने वाला चंद्रा नदी पर 100 मीटर लंबा पुल एक साल में बनाया गया है। इसके अलावा मनाली के पलचान में 110 मीटर लंबा पुल दो साल में बनकर तैयार हुआ है।

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