बिलासपुर बस हादसे में 18 की मौत, राहत कार्य में देरी होने पर मचा हाहाकार, आधे घंटे बाद पहुंची JCB

Published : Oct 08, 2025, 06:59 AM IST
Bilaspur Bus Accident

सार

Bilaspur Bus Accident: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां शुक्र खंड पुल के पास एक बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। बस में करीब 30 लोग सवार थे, जिनमें से 18 की मौत हो गई है। हादसे के बाद प्रशासन की लापरवाही सामने आई है।

Bilaspur Bus Accident: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के झंडूता इलाके से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। यहां अचानक हुए भूस्खलन में एक चलती बस मलबे की चपेट में आ गई। हादसा इतना भयानक था कि बस में सवार यात्री भी मलबे में दब गए। बताया जा रहा है कि बस में करीब 30 लोग सवार थे, जिनमें से अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। यह हादसा सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा भी माना जा रहा है। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में देरी हुई, जिससे हालात और बिगड़ गए।

बिलासपुर बस हादसे में 18 की हुई मौत

शाम के वक्त जब यह हादसा हुआ, तो सबसे पहले पास के मंदिर के बाबा और वहां मौजूद श्रद्धालु मदद के लिए पहुंचे। इसके बाद स्थानीय ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे और तुरंत प्रशासन को सूचित किया कि यहां बड़ा हादसा हुआ है और बस पूरी तरह मलबे में दब चुकी है।

आधे घंटे बाद मौके पर पहुंचे बचाव दल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसे की जानकारी मिलने के करीब आधे घंटे बाद बचाव दल मौके पर पहुंचा। शुरू में टीम ने अपने पास मौजूद उपकरणों से राहत कार्य शुरू किया, लेकिन बस मलबे में गहराई तक दब चुकी थी। करीब आधे घंटे तक प्रयास करने के बाद चार जेसीबी मशीनें मंगवाई गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर शुरुआत में ही जेसीबी बुला ली जाती, तो कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी। शुरुआती सूचना में ही यह साफ बताया गया था कि बस पूरी तरह मलबे में दब गई है, फिर भी प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की।

यह भी पढ़ें: Himachal Pradesh Landslide: बस पर मौत बनकर गिरीं चट्टानें, मलबे से निकाले गए 18 शव, खौफनाक तस्वीरें

कई लोगों के शरीर पर कोई गंभीर चोट के निशान मिले 

हादसे में मारे गए कई लोगों के शरीर पर कोई गंभीर चोट के निशान नहीं मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कई की मौत दम घुटने से हुई होगी। समय पर राहत कार्य शुरू हो जाता, तो शायद कुछ और लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

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