
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मथुरा में सोमवार तड़के दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे हादसा उस वक्त हुआ, जब पूरा इलाका घने कोहरे की चपेट में था। कम विजिबिलिटी के कारण एक्सप्रेसवे पर आगे का रास्ता दिखाई देना लगभग नामुमकिन हो गया था। इसी बीच कई वाहनों की टक्कर हुई और देखते ही देखते कई बसों में आग लग गई, जिसमें कम से कम 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और बचाव अभियान शुरू करना पड़ा।
एसपी मथुरा ग्रामीण सुरेश चंद्र रावत के अनुसार, यह हादसा आगरा-नोएडा लेन पर माइलस्टोन 127 के पास हुआ। शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि पहले तीन कारों की आपस में टक्कर हुई। इसके बाद पीछे से आ रही सात बसें एक-एक करके इन कारों से टकरा गईं। इन सात बसों में एक रोडवेज बस और छह प्राइवेट स्लीपर बसें शामिल थीं। टक्कर इतनी तेज थी कि कुछ ही सेकंड में बसों में आग लग गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर के बाद अचानक आग की लपटें उठने लगीं। बसों में मौजूद ईंधन और सामान की वजह से आग तेजी से फैल गई। कुछ ही मिनटों में 3 से 4 बसें पूरी तरह आग की चपेट में आ गईं। एसपी ने बताया कि स्थिति को काबू में करने के लिए मौके पर 11 फायर टेंडर भेजे गए। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बड़ा नुकसान हो चुका था।
एक चश्मदीद ने बताया कि हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब ज्यादातर यात्री गहरी नींद में थे। उन्होंने कहा, “जब हादसा हुआ, मैं सो रहा था। बस पूरी तरह भरी हुई थी। सभी सीटें भरी थीं। अचानक आग लग गई और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।” इस वजह से कई लोग समय पर बाहर नहीं निकल सके, जिससे जान-माल का नुकसान बढ़ गया।
पुलिस के अनुसार, अब तक 4 शव बरामद किए जा चुके हैं। आशंका जताई जा रही है कि कुछ और लोग भी बसों में फंसे हो सकते हैं। यही कारण है कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
प्रशासन का मानना है कि इस भीषण हादसे की सबसे बड़ी वजह घना कोहरा और बेहद कम विजिबिलिटी थी। सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के कई शहरों में कोहरा इतना घना था कि सड़क पर गाड़ियां मुश्किल से दिख रही थीं। आगरा में हालत यह थी कि ताजमहल तक दिखाई नहीं दे रहा था। स्थानीय लोगों ने बताया कि कोहरा इतना घना था कि एक्सप्रेसवे पर वाहन चलाना बेहद खतरनाक हो गया था। क्या कोहरे को लेकर पहले से कोई चेतावनी या ट्रैफिक कंट्रोल किया गया था? क्या एक्सप्रेसवे पर स्पीड कंट्रोल और अलर्ट सिस्टम नाकाफी साबित हुआ? फिलहाल प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा है और घायलों को हर संभव मदद देने की बात कही जा रही है।