आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 14 अगस्त से दिल्ली में पदयात्रा करेंगे। वह जनता को बताएंगे कि केंद्र की भाजपा सरकार कैसे विकास के काम नहीं करने दे रही है।
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला (Delhi liquor scam) के मामले में गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक तिहाड़ जेल में बंद रहे आप (आम आदमी पार्टी) नेता मनीष सिसोदिया बाहर आए हैं। उनका ध्यान दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) पर है।
दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। इससे पहले पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मनीष सिसोदिया 14 अगस्त से पदयात्रा शुरू करने की योजना बना रहे हैं। आप ने घोषणा की कि सिसोदिया लगातार चुनाव प्रचार करेंगे। इसकी शुरुआत 12 अगस्त को पार्टी विधायकों और 13 अगस्त को पार्षदों से मुलाकात से होगी।
दिल्ली भर में पदयात्राएं करेंगे मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया दिल्ली भर में पदयात्राएं करेंगे। वे जनता को बताएंगे कि भाजपा किस तरह आप सरकार द्वारा किए जा रहे विकास की कोशिशों में बाधा डाल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को शुक्रवार को जमानत दी थी। वह 17 महीने जेल में रहे हैं।
2013 से दिल्ली में है आप की सरकार
दिल्ली में 2013 से आप की सरकार है। पार्टी को 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में जीत मिली थी। आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि सिसोदिया लोगों से जुड़ेंगे। वह भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली सरकार के काम में बाधा डालने की कोशिश से जनता को अवगत कराएंगे। आप चुनौतियों के बावजूद मजबूत बनी हुई है।
यह भी पढ़ें- राहुल गांधी सबसे खतरनाक आदमी, देश कर सकते हैं बर्बाद: कंगना रनौत
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मनीष सिसोदिया की रिहाई के बाद पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और दिल्ली की जनता में उत्साह है। आगामी विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता भाजपा को एक भी सीट नहीं देगी।
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर बोले- केजरीवाल के "अराजक" शासन का होगा अंत
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के "अराजक" शासन का अंत होगा। आप नेताओं को दिल्ली में जीत की उम्मीद है। वे यह नहीं देखते कि मतदाताओं ने हाल के संसदीय चुनाव में केजरीवाल की पार्टी को वोट देने की अपील ठुकरा दी थी। केजरीवाल ने इमोशन कार्ड खेला था। कहा था कि चुनाव में जीत मिलती है तो वह जेल जाने से बच जाएंगे। इसके बाद भी मतदाताओं ने उनकी पार्टी को नकार दिया।
यह भी पढ़ें- दिल्ली: 13 अगस्त को घर से निकलने से पहले जान लें कौन सी सड़कें रहेंगी बंद