
Delhi Blast Investigation Latest Update: दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट केस में नया CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें विस्फोटक के साथ खुद को उड़ाने वाला डॉ. उमर का एक नया CCTV फुटेज सामने आया है। जिसमें वह एक मोबाइल शॉप में बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। यह फुटेज फरीदाबाद की एक मोबाइल शॉप का है, जिसमें उसके हाथ में दो मोबाइल फोन दिखते हैं। वह बैग से एक फोन निकालकर शॉपकीपर को देता है। दूसरा फोन उसके घुटने पर रखा रहता है। वह घबराया हुआ नजर आ रहा है।
जांच में सामने आया है कि धमाके में उड़ाई गई हुंडई आई20 कार को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उमर ही चला रहा था। 10 नवंबर को हुए इस ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई थी।
जांच अधिकारियों ने बताया कि डॉ. उमर दो अन्य डॉक्टरों, डॉ. मुझम्मिल और डॉ. शहीन के संपर्क में था। ये तीनों फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में शामिल संदिग्धों से जुड़े पाए गए, जहां से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था। धमाके के बाद जम्मू एंड कश्मीर में रातभर छापेमारी हुई। उसके परिवार के 3 सदस्य गिरफ्तार किए गए। ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रातभर कई जगह रेड डाली और छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से तीन डॉ. उमर के परिजन हैं।
ब्लास्ट साइट से मिले अवशेषों का DNA परीक्षण किया गया, जिसकी तुलना उसकी मां के सैंपल से की गई। रिपोर्ट में मैच कंफर्म हो गया। यानी उसके मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि हो गई है। जांच में यह भी सामने आया कि पिछले दो सालों में वह कई कट्टरपंथी ऑनलाइन ग्रुप्स का हिस्सा बन गया था।
पुलिस के मुताबिक, इस मॉड्यूल ने ₹26 लाख से ज्यादा की फंडिंग जुटाई थी। यह रकम सीधे डॉ. उमर को दी गई थी, जिसका इस्तेमाल उसने 26 क्विंटल NPK फर्टिलाइज़र खरीदने में किया। यह फर्टिलाइज़र गुरुग्राम और नूंह के सप्लायर्स से लिया गया। NPK को अन्य केमिकल्स के साथ मिलाकर IED बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, लगभग 8 संदिग्ध चार अलग-अलग शहरों में कोऑर्डिनेटेड ब्लास्ट करने की तैयारी में थे। हर शहर में दो-दो की जोड़ी में हमला होना था।
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