
नई दिल्ली। लाल किला इलाके में 10 नवंबर की शाम हुए कार बम विस्फोट मामले में एनआईए को एक बड़ी सफलता मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी कश्मीर के रहने वाले एक और आतंकी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया है, जिसने आत्मघाती हमलावर डॉक्टर उमर उन नबी के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की पूरी साजिश को अंजाम दिया था।
दिल्ली बम धमाके में इस्तेमाल की गई i20 कार आमिर राशिद अली के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। इस केस को एनआईए ने अपने हाथ में लेने के बाद व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया और अमिर को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। एनआईए की जांच से पता चला है कि जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा निवासी आमिर अली ने उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमला करने की साजिश रची थी। आमिर उस कार की खरीद में मदद के लिए दिल्ली आया था, जिसका इस्तेमाल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के रूप में किया गया।
इतना ही नहीं, जांच एजेंसी NIA ने दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए आतंकी उमर उन नबी की एक और कार जब्त की है और उसकी जांच की जा रही है। इस केस में एनआईए अब तक 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें धमाके में घायल लोग भी शामिल हैं। यह धमाका 10 नवंबर को दिल्ली में हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला दिया था.
एनआईए की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि दिल्ली ब्लास्ट में कुल 10 लोगों की मौत हुई, जबकि 32 लोग घायल हुए हैं। पहले इस धमाके में 13 लोगों के मारे जाने की बात कही गई थी। बता दें कि एनआईए इस केस की जांच कई राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर कर रही है। जांच एजेंसी दिल्ली धमाके की साजिश में शामिल एक-एक शख्स का पता लगाने के लिए जाल बिछा रही है। इसमें आतंकियों के फंडिंग नेटवर्क, उर्वरक सप्लाई चेन, डॉक्टरों के कनेक्शन और यूनिवर्सिटी की संदिग्ध गतिविधियों को जोड़कर आगे बढ़ रही है।
डॉ. उमर उन नबी पुलवामा, जम्मू-कश्मीर का रहनेवाला था। वो हरियाणा के फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों ने उसे जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य बताया है। डीएनए जांच से पुष्टि हुई कि 10 नवंबर 2025 को हुए आत्मघाती हमले के दौरान वह कार चला रहा था।