Farmers Delhi Chalo march: शंभू बॉर्डर से किसानों का दिल्ली चलो मार्च एक बार फिर शुक्रवार को शुरू हुआ था। किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग्स और कंटीले तारों को जगह जगह लगाया गया था। भारी मात्रा में फोर्स भी लगाई गई थी। गुस्साएं किसान, आगे बढ़ते हुए कई बैरिकेड्स और कंटीले तारों को उखाड़ दिए थे। इसके पुलिस-किसानों के बीच झड़प भी शुरू हो गई। अंबाला के पास किसानों को रोक लिया गया था। काफी गहमागहमी की स्थिति बनी हुई थी। किसान-पुलिस आमने सामने आने के बाद रोकने के लिए पुलिस ने स्प्रे किया, आंसू गैस के गोले छोड़े। किसान किसी भी सूरत में आगे बढ़ने को आमादा थे। पुलिस से झड़प में सात से अधिक किसानों के घायल होने के बाद संगठन ने जत्था को एक बार फिर वापस आने की अपील की है। संगठन की अपील के बाद किसान पीछे हटने लगे हैं।
एमएसपी, किसानों की कर्जमाफी सहित कई मुद्दों को लेकर किसानों ने आंदोलन का ऐलान किया है। पंजाब-हरियाणा बार्डर पर पिछले 9 महीना से किसान कैंप लगाकर धरना दे रहे हैं। अब वे दिल्ली चलो का नारा देकर कूच करना चाहते हैं। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने उनको आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी लेकिन किसान अपना मार्च शुरू कर दिए। किसानों के आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारी मात्रा में पुलिस तैनात थी। बार्डर पर पुलिस और पैरामिलिट्री तैनात करने के साथ बैरिकेड्स और कंटीले तार लगाए गए थे। स्थितियां काफी तनावपूर्ण हो गई थी जब किसानों ने कई बैरिकेड्स उखाड़ फेंके। पुलिस ने भी स्प्रे और आंसू गैस के गोलों का प्रयोग किया। करीब तीन घंटे तक चली झड़प में कई किसानों के घायल होने के बाद किसान संगठन ने आगे बढ़ रहे किसानों को वापस बुलाने का आह्वान किया। इस झड़प में सात किसान घायल हैं। किसान नेता सरवन सिंह ने कहा कि हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। हम जत्थे को वापस बुला रहे हैं। मार्च पर बाद में निर्णय लिया जाएगा।
उधर, किसानों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने पंजाब-हरियाणा बार्डर से सटे करीब 11 गांवों का इंटरनेट बंद कर दिया है। हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने इन गांवों में चौकसी बढ़ाने, इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है।
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