दिल्ली हिंसाः 27 की मौत, 106 गिरफ्तार, पुलिस बोली अब हालात काबू में

उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर फैली हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं। वहीं, 190 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2020 3:16 AM IST / Updated: Feb 26 2020, 10:03 PM IST

नई दिल्ली. उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर फैली हिंसा में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं। वहीं, 190 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने 18 केस दर्ज किया है। जबकि 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, केजरीवाल सरकार ने शहीद हुए हेड कांस्टेबल के परिजनों को 1 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता देने के ऐलान किया है। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। राज्य के हालातों को सामान्य करने के लिए गृहमंत्रालय ने NSA अजीत डोभाल के साथ एक और बैठक की। इसमें पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक भी मौजूद रहे।   

गृह मंत्रालय की एक और बैठक खत्म

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दिल्ली में हिंसा रोकने और कानून व्यवस्था कायम करने के लिए गृह मंत्रालय लगातार बैठकें कर रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस अफसर तक सभी जिम्मेदार लोग इसमें शामिल हो रहे हैं और राज्य में शांति स्थापित करने के हर प्रयास पर चर्चा हो रही है। गृह मंत्रालय ने NSA  अजीत डोभाल के साथ बैठक खत्म की जिसमें पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक भी मौजूद रहे।   

हिंसा प्रभावित इलाकों में पहुंचे सीएम 

सीएम अरविंद केजरीवाल एनएसए अजीत डोभाल के दौरे के बाद हिंसा के चपेट में आए इलाकों का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत कर आश्वस्त किया। गौरतलब है कि हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सरकार को इलाकों में जाकर लोगों से बातचीत कर विश्वास बढ़ाना चाहिए। जिसके बाद सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लोगों से मिलने पहुंचे। इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल ने लोगों से बातचीत की थी। 

दिल्ली पुलिस का दावा, स्थिति नियंत्रण में

दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा की जो घटनाएं हुई हैं इससे संबंधित 18 FIR दर्ज की गई हैं, जांच चल रही है। अभी तक 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और भी गिरफ्तारियां की जाएंगी। हमारे पास CCTV फोटेज हैं और भी सबूत हैं जिनके तहत कार्रवाई की जा रही है। हमने पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की थी, सीनियर अधिकारी भी अलग-अलग जगह PCR कॉल की निगरानी कर रहे थे, ड्रोन का इस्तेमाल भी किया गया है।

केजरीवाल ने विधानसभा में की घोषणा 

दिल्ली सरकार ने शहीद हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को 1 करोड़ रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में इसकी घोषणा की। इन सब के इतर इस मामले पर सियासत भी चरम पर है। बुधवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। इसके बाद कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली हिंसा को लेकर चिंता जताई। प्रियंका गांधी ने भी इसके बाद जनपथ रोड पर कार्यकर्ताओं के साथ शांति मार्च निकाला और गृह मंत्री से इस्तीफा मांगा।   

प्रियंका गांधी ने निकाला शांति मार्च 

सोनिया के बाद प्रियंका गांधी ने भी शांति मार्च निकालकर गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा। प्रियंका कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ शांति मार्च निकाल रही थी। लेकिन पुलिस ने जनपथ रोड के पास इस मार्च को रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता ने गृहमंत्री अमित शाह को दिल्ली में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार बताते हुए उनसे इस्तीफा मांगा। 

सोनिया ने सरकार से पूछा सवाल

दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "हिंसा के तीन दिन हो गए गृह मंत्री अमित शाह कहां हैं। दिल्ली में जो कुछ हो रहा उसके लिए गृहमंत्री जिम्मेदार है और वो इस्तीफा दें।" सोनिया गांधी ने कहा," पिछले रविवार से गृह मंत्री कहां थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ने भड़काऊ बयान देकर हिंसा भड़काई।"

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?

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डोभाल ने रात में ही संभाला मोर्चा

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दिल्ली की स्थिति काबू में लाने की जिम्मेदारी दी गई है। वे लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति के बारे में जानकारी दे रहे हैं। डोभाल ने साफ कर दिया, राजधानी नें कानून को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। पुलिस को स्थिति काबू करने के लिए खुली छूट दी गई है। उधर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल सीलमपुर में डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे। यहां से वे डिप्टी कमिश्नर के साथ उन्होंने सीलमपुर, मौजपुर, यमुना विहार और भजनपुरा का दौरा किया। वहीं, हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह भी अपनी नजर बनाए हुए हैं। उधर, सीबीएसई ने आज की बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया है। 

मौजपुर से गोकुलपुरी तक सुरक्षाबलों ने किया मार्च

उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर से गोकुलपुरी तक सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया। सुरक्षाबलों ने लोगों से घरों में रहने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि किसी भी तरह की हिंसा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस क्षेत्र में पिछले 3 दिन में सबसे ज्यादा हिंसा हुई है।

हाईकोर्ट में रात को हुई सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने दो दिन से जारी हिंसा पर रात में सुनवाई की। साथ ही पुलिस को हालात काबू में करने और घायलों को उचित इलाज की व्यवस्था कराने का आदेश दिया।

गोली मारने के आदेश नहीं

उत्तर पूर्वी के मौजपुर, जाफराबाद, चांदबाग, करावल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है। हालांकि, अफसरों ने साफ कर दिया कि प्रदर्शनकारियों को गोली मारने के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट ने दिल्ली के अफसरों के हवाले से खबर दी थी कि प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।

कैसी रही रात की स्थिति?

दिल्ली में 3 दिन की हिंसा क बाद रात को स्थिति काबू में रही। किसी भी क्षेत्र से हिंसा और उपद्रव की कोई खबर नहीं आई। हालांकि, अभी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। 

बुधवार को कैसा है माहौल?

पुलिस ने जाफराबाद से प्रदर्शनकारियों को हटाकर सड़क खाली करा ली है। जाफराबाद, मौजपुर, सीलमपुर, गोकुलपुरी में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

हिंसा की शुरुआत कैसे हुई? 

यह हिंसा पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और उसके आसपास के इलाकों में हो रही है। 22 फरवरी को देर रात जाफराबाद में मेट्रो स्टेशन के पास कुछ महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने बैठीं थीं। 23 फरवरी को जाफराबाद के पास मौजपुर में नागरिकता कानून के समर्थन में प्रदर्शन किए गए थे।

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इसके बाद दोनों गुटों में झड़प हुई थी। यह झड़प और हिंसा 24 और 25 फरवरी को भी जारी रही। यह हिंसा मौजपुर, भजनपुरास, बाबरपुर करावल नगर, शेरपुर चौक, कर्दमपुरी और गोकलपुरी समेत उत्पर पूर्वी दिल्ली में हुई।

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