दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए ED की 12 सदस्यीय टीम पहुंची थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए ED की 12 सदस्यीय टीम पहुंची थी। उन्होंने केजरीवाल से लगभग 2 घंटे पूछताछ किया और घर की तलाशी लेने के बाद गुरुवार रात 9:05 बजे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से आधी रात को तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने मेडिकल टेस्ट के बाद सारी रात ईडी की हिरासत में बितानी पड़ी। सूत्रों की माने तो केजरीवाल को जमीन पर ही पूरी रात गुजारनी पड़ी। वहीं अब इस मामले को लेकर आज शुक्रवार (22 मार्च) को सुनवाई होने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल को शुक्रवार को विशेष Prevention of Money Laundering Act (PMLA) कोर्ट में पेश किया जाएगा और ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी। हालांकि, ये अभी तक पता नहीं है कि केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे या नहीं। वैसे शराब नीति घोटाले मामले में केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले चौथे सबसे बड़े नेता है, जो गिरफ्तार हुए है। इससे पहले मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येन्द्र जैन गिरफ्तार हो चुके हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को करेगा
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP नेता आतिशी ने कहा, हमें खबर मिली है कि ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। हमने हमेशा कहा है कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे। वह दिल्ली के सीएम बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है। हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं। हम आज रात सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग करेंगे। वहीं सीएम की गिरफ्तारी को लेकर सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
ये सारी घटना उस दिन को ही बीती जब दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को ED के किसी भी कठोर कदम से बचाने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह इस स्तर पर कोई राहत देने के इच्छुक नहीं है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल तय की है।
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