दिल्ली कोर्ट ने बुली बाई ऐप के निर्माता नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
नई दिल्ली : दिल्ली कोर्ट ने बुली बाई ऐप के निर्माता नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाया, जिसमें अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री मौजूद थी।
श्वेता सिंह और मयंक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
इससे पहले इसी मामले में श्वेता सिंह और मयंक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आरोपी मयंक के वकील संदीप शेरखाने ने बताया कि पुलिस हिरासत खत्म होने पर श्वेता को अदालत में पेश किया गया था, जबकि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मयंक को पेश नहीं किया जा सका। श्वेता सिंह और मयंक ने बांद्रा कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। उसी पर अब सोमवार (17 जनवरी) को सुनवाई होगी.
बुल्ली बाई एप का मास्टरमाइंड है नीरज
नीरज ही बुल्ली बाई ऐप का मास्टरमाइंड है। इस बात का दावा पुलिस कर रही है. पुलिस का कहना है कि नीरज ने गिटहब पर बुल्ली बाई ऐप को बनाया था। पुलिस का कहना है कि उसके पास से जो मोबाइल और लैपटॉप से जब्त किये हैं, उससे इस बात की पुष्टि होती है।
1 जनवरी को सामने आया था मामला
बता दें कि यह मामला सबसे पहले एक जनवरी को सामने आया। आरोपियों ने कई मुस्लिम महिलाओं की फोटो को एडिट कर GitHub प्लेटफॉर्म पर बने 'बुली बाई ऐप' पर ऑक्शन के लिए डाला था। इसमें उन महिलाओं को टारगेट किया गया था, जो सोशल रूप से काफी एक्टिव हैं। इनमें जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट और लॉयर शामिल हैं। इसके बाद वेस्ट मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन में इस मामले में रविवार को अज्ञात आरोपी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
क्या है Bulli Bai App
'Bulli Bai' एक ऐसा एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट किया जाता है और 'Sulli Deal' ऐप के समान काम करता है। ऐप मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए 'सौदे' के रूप में पेश करता है। जबकि बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को निलंबित कर दिया गया है, इसके बायो में लिखा था, 'बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है।
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