शाहीन बाग में 58 दिन से सीएए के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा है। लेकिन जब एक शव को उसी रास्ते में ले जाने की बात आई तो प्रदर्शनकारी हट गए। रविवार को बंद रास्ते को शवयात्रा के लिए कुछ देर के लिए खोल दिया गया।
नई दिल्ली. शाहीन बाग में 58 दिन से सीएए के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा है। लेकिन जब एक शव को उसी रास्ते में ले जाने की बात आई तो प्रदर्शनकारी हट गए। रविवार को बंद रास्ते को शवयात्रा के लिए कुछ देर के लिए खोल दिया गया। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं। आज हमने इस बंद रास्ते से शवयात्रा को जाने दिया। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले इस रास्ते से बसों और एंबुलेंस को भी जाने की अनुमति थी।
15 दिसंबर 2019 से जारी है विरोध प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 15 दिसंबर 2019 से ही शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस धरने के चलते दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाला कालिंदी कुंज मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
शाहीन बाग मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है।
- इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा इस मामले में पुलिस और सरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना जरूरी है।