ओवैसी ने कहा, कागज नहीं दिखाएंगे; मोदी के इस सांसद ने किया पलटवार वो नहीं,जिन्ना की आत्मा बोल रही है

AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कागज न दिखाने की चुनौती दी थी। जिस पर अब राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पलटवार करते हुए कहा, " वो नहीं बोल रहे हैं जिन्ना की आत्मा बोल रही है।"

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2020 9:37 AM IST

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी को लेकर विरोधों का दौर जारी है। वहीं, दूसरी तरफ राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। जिसमें इन सब के बीच AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कागज न दिखाने की चुनौती दी थी। जिस पर अब राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पलटवार करते हुए कहा, " वो नहीं बोल रहे हैं जिन्ना की आत्मा बोल रही है।"

क्या कहा राज्यसभा सांसद ने?

राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने ओवैसी की चुनौती पर पलटवार करते हुए कहा,"अगर आप ओवैसी साहब का DNA टेस्ट करेंगे तो उसमें जिन्ना का DNA मिलेगा। वो नहीं बोल रहे हैं जिन्ना की आत्मा बोल रही है। ओवैसी देश के टुकड़े-टुकड़े कर देना चाहते हैं, देश को तबाह कर देना चाहते हैं। ओवैसी पर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर कार्यवाही होनी चाहिए।"

क्या कहा था ओवैसी ने ?

सीएए के विरोध में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, 'जो मोदी-शाह के खिलाफ आवाज उठाएगा वो सही मायने में मर्द-ए-मुजाहिद कह लाएगा। मैं वतन में रहूंगा, कागज नहीं दिखाऊंगा। कागज अगर दिखाने की बात होगी तो सीना दिखाएंगे की गोली मारे। दिल पर गोली मारिए क्योंकि दिल में भारत की मोहब्बत है।'

जारी है विरोध

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को लागू किए जाने के बाद से ही विरोध जारी है। पिछले साल दिसंबर में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिकांश जगहों पर हिंसात्मक घटनाएं घटित हुई है। जिसके बाद से देश भर में अलग-अलग लोगों और संगठनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया जा रहा है।  

शाहीन बाग दो महीने से ठप्प

नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को पिछले दो महीने से प्रदर्शन का दौर जारी है। जिसके कारण शाहीन बाग इलाका पूरी तरह से ठप्प पड़ चुका है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को वापस ले। 

क्या है सीएए 

केंद्र सरकार द्वारा पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और आफगानिस्तान) में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। 

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