दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने को लेकर AAP सरकार और LG में ठनी

दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच विवाद हो गया है। AAP सरकार द्वारा मंत्री आतिशी को, उपराज्यपाल ने कैलाश गहलोत को ध्वजारोहण के लिए नामित किया है।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 13, 2024 1:04 PM IST / Updated: Aug 14 2024, 12:31 AM IST

Independence Day: दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर झंड़ा फहराने को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी की सरकार में ठन गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से पार्टी ने पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर आतिशी को तिरंगा फहराने के लिए नामित किया है। आप सरकार के निर्णय को पलटते हुए उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार के दूसरे मंत्री कैलाश गहलोत को ध्वजारोहण के लिए नॉमिनेट किया है। उपराज्यपाल ऑफिस ने केजरीवाल के निर्देश को अमान्य घोषित कर दिया है। इस आदेश के बाद एक बार फिर उपराज्यपाल और आप सरकार आमने-सामने आती दिख रही है।

दरअसल, दिल्ली में कथित शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में है। ऐसे में दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने को लेकर उन्होंने सरकार की मंत्री आतिशी को नामित किया है। लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल के आदेश को अमान्य घोषित करते हुए सरकार के दूसरे मंत्री कैलाश गहलोत को इसके लिए नामित कर दिया है।

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क्या कहा एलजी ऑफिस ने? क्यों किया कैलाश गहलोत को नॉमिनेट?

केजरीवाल के लेटर को खारिज करते हुए उपराज्यपाल ऑफिस ने मंगलवार को आदेश जारी किया कि दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद औपचारिक मार्च-पास्ट परेड की सलामी लेंगे। एलजी वीके सक्सेना की ऑफिस ने बताया कि पुलिस से संबंधित मामले गृह विभाग के अधीन होते हैं इसलिए गृह मंत्री कैलाश गहलोत को राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मनोनीत किया गया है।

आतिशी और सिसोदिया ने दी तीखी प्रतिक्रिया

अरविंद केजरीवाल के लेटर को जेल प्रशासन द्वारा रोक देने का मामला सामने आने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सिसोदिया ने कहा कि जब कोई ठग सुकेश चंद्रशेखर द्वारा केजरीवाल व अन्य आप नेताओं पर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा जाता है तो जेल प्रशासन उसे उप राज्यपाल तक पहुंचाता है। लेकिन एक मुख्यमंत्री लेटर लिखता है तो उसे रोक दिया जाता है।

मंत्री आतिशी ने वीके सक्सेना पर निर्वाचित सरकार को रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी तानाशाही क्या हो सकती है? हमें देखना होगा कि भाजपा लोकतंत्र के साथ खड़ी है या तानाशाही के साथ?

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