इस मजदूर ने रेप के बाद की 30 बच्चों की हत्या, शिकार खोजने के लिए 40 km तक चलता था पैदल, पोर्न की लत से बना हैवान

दिल्ली में रेप के बाद 30 बच्चों की हत्या करने वाले रवींद्र कुमार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उसकी सजा पर दो सप्ताह में फैसला होगा। पुलिस ने फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।

नई दिल्ली। दिल्ली में मजदूर के रूप में काम करने वाले रवींद्र कुमार को देख लोग इस बात का अंदाज नहीं लगा पाते कि इसने 30 बच्चों की हत्या की है। वह बच्चों के साथ रेप करता फिर उनकी हत्या कर देता। अपने शिकार की तलाश में रवींद्र 40 किलोमीटर तक पैदल चलता था। ड्रग्स और पोर्न की लत ने उसे हैवान बना दिया।

दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 2008 में रवींद्र 18 साल का था। उसी समय से उसने बच्चों की हत्याएं शुरू की थी। 2008 से 2015 तक के सात साल में इसने 30 बच्चों को मार डाला। मंगलवार को रवींद्र को एक छह साल के बच्चे का अपहरण, हत्या और शारीरिक हमला के मामले में दोषी करार दिया गया। पुलिस ने रवींद्र को 2015 में आउटर दिल्ली एरिया से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रवींद्र को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। कोर्ट सजा पर अगले दो सप्ताह में फैसला सुनाएगी।

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2008 में उत्तरप्रदेश के कासगंज से दिल्ली आया था रवींद्र कुमार

रवींद्र कुमार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला है। 2008 में वह काम की तलाश में दिल्ली आया था। उसके पिता प्लम्बर के रूप में काम करते हैं। वहीं, उसकी मां दूसरों को घरों में दायी का काम करती हैं। दिल्ली आने के कुछ दिनों बाद ही रवींद्र ड्रग एडिक्ट बन गया। उसे पोर्न वीडियो देखने की भी लत लग गई। इसके बाद उसने बच्चों के साथ रेप और उनकी हत्या करनी शुरू कर दी।

आधी रात को बच्चे की तलाश में निकलता था रवींद्र

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रवींद्र कुमार पूरा दिन मजदूर के रूप में काम करता था। वह स्लम में स्थित अपने रूम में रात आठ बजे सो जाता था। आधी रात को वह उठता और बच्चे की तलाश में पैदल भटकता। कई बार तो वह शिकार की तलाश में 40 किलोमीटर तक पैदल गया। वह स्लम और निर्माणाधीन मकान के पास रह रहे बच्चों की खोज में रहता था। वह बच्चों को 10 रुपए के नोट और चॉकलेट का लालच देकर अपने साथ सुनसान जगह ले जाता था। उसने 6 साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों को अपना निशाना बनाया।

रवींद्र को पुलिस ने ऐसे पकड़ा

रवींद्र को पुलिस ने दो बार गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले 2014 में उसे गिरफ्तार किया। उस पर 6 साल के बच्चे के अपहरण, हत्या के प्रयास और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि उसने अगवा करने के बाद बच्चे को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था। इसके बाद पुलिस ने 2015 में छह साल की एक लड़की की हत्या के मामले में रवींद्र को गिरफ्तार किया था। उसे दिल्ली के रोहिणी में सुखबीर नगर बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया गया था।

लड़की का गला काट सेप्टिक टैंक में फेंका
रवींद्र को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस ने दर्जनों सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की थी और मुखबिरों से जानकारी ली थी। रवींद्र पर लड़की को अगवा करने, शारीरिक शोषण करने और गला काटकर सेप्टिक टैंक में फेंकने के आरोप लगे थे। 2008 में उसने दिल्ली के कराला इलाके से एक लड़की का अपहरण करने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी।

पहचाने जाने के डर से कर देता था हत्या

इसके बाद उसने कई और बच्चों के साथ रेप किया और उनकी हत्या की। वह जैसे-जैसे पुलिस को चकमा देता रहा, उसका हौसला बढ़ता गया। उसने अधिकांश पीड़ितों को इस डर से मार डाला कि वे उसकी पहचान कर सकते हैं। पकड़े जाने के डर से वह एक ही जगह दो बार वारदात नहीं करता था। 2015 में बाहरी दिल्ली जिले के डीसीपी रहे विक्रमजीत सिंह ने कहा कि पकड़े जाने के बाद रवींद्र ने अपने सभी अपराध के बारे में विस्तार से बताया था।

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